Kafal Tree
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Love Poem
कला साहित्य
फिर भी मैं करता हूँ प्यार
प्रेम - शमशेर बहादुर सिंह द्रव्य नहीं कुछ मेरे पास फिर भी मैं करता हूँ प्यार रूप नहीं कुछ मेरे…
5 years ago