Kumaon

दूनागिरी: जहाँ कभी द्रोण ऋषि का आश्रम हुआ करता था

दूनागिरी अल्मोड़ा जिले की एक पहाड़ी है. अल्मोड़ा जिला मुख्यालय से इसकी दूरी लगभग 60 किमी है. यह रानीखेत कर्णप्रयाग…

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कुमाऊँ की कोसी नदी की कहानी

कुमाऊँ की सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक हैं कोसी (Story of Kosi River of Kumaon). पुराने विशेषज्ञों की मानें…

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उत्तराखण्ड में धधकते जंगल और सुलगते सवाल

उत्तराखण्ड नियति के भरोसे चलने वाला राज्य बनकर रह गया है. अन्य हिमालयी राज्यों की तरह इस राज्य के सामने…

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चौकोड़ी जाए बिना कुमाऊँ की सुन्दरता को ठीक से समझा नहीं जा सकता

समुद्र की सतह से 2010 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चौकोड़ी (Chaukori Kumaon Uttarakhand) कुमाऊँ के सुन्दरतम स्थानों में से…

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स्याल्दे बिखौती मेला आज से शुरू

पाली पछाऊँ की सांस्कृतिक विरासत उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति की धरोहर द्वाराहाट का स्याल्दे बिखौती का मेला पाली पछाऊँ में…

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बगड़: तटीय भूमि पर बसे गाँव-कस्बे

उत्तराखण्ड के गढ़वाल व कुमाऊँ दोनों ही मंडलों में कई जगहों के नाम में बगड़ शब्द का इस्तेमाल हुआ करता…

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ऐसे होते थे 1989 में कुमाऊँ में बीड़ी-सिगरेट के विज्ञापन

2018 में दस रुपये की एक छोटी गोल्ड फ्लैक की बत्ती सुनकर मेरी आँखे फटी रह गयी थी क्योंकि मेरा…

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झंगोरा: पहाड़ का पारंपरिक व पौष्टिक अनाज

विभिन्न नामों से जाना जाता है झंगोरा उत्तराखण्ड में झंगोरा (Jhangora) नाम से पहचाने जाने वाले अनाज का वानस्पतिक नाम…

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सौ साल पुराने कुमाऊँ की तस्वीरें

एक ज़रूरी किताब कुमाऊँ (Kumaon) के बारे में 1905 में छपी ई. शर्मन ओकले (E. Sherman Oakley) की किताब 'होली…

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हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने – 22

सन् 60-70 के दशक में साम्यवादी विचारधारा के नाम पर बहुत से पाजी लोगों का जमघट मैंने यहां देखा. वे…

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