Jageshwar Joshi

मकड़ू पधान की कहानीमकड़ू पधान की कहानी

मकड़ू पधान की कहानी

अतीत पहाड़ों में वेगवान पवन और जलधाराओं के अतिरिक्त कुछ भी तो गतिमान नहीं है. सूरज तो उगता है पर…

3 years ago
पहाड़ों मे कोई न तो पलायन के गीत हैं न हीं आह्वान के गीतपहाड़ों मे कोई न तो पलायन के गीत हैं न हीं आह्वान के गीत

पहाड़ों मे कोई न तो पलायन के गीत हैं न हीं आह्वान के गीत

पहाड़ों में अब मौसमी गीत ही गीत हैं. बसंत बरसात और प्यारा जाड़ा तो है. जाड़ा अब उतना गुलाबी नहीं…

6 years ago
शुक्र है कबीरशुक्र है कबीर

शुक्र है कबीर

शुक्र है कबीर!! तुम सल्तनत युग में पैदा हुए. आज होते तो कोई नामी कटटरवादी संगठन तुम्हारी जान का प्यासा…

6 years ago
जीवन रचते व्यंग्य चित्र – 2जीवन रचते व्यंग्य चित्र – 2

जीवन रचते व्यंग्य चित्र – 2

  दुगड्डा, पौड़ी गढ़वाल में रहने वाले जागेश्वर जोशी मूलतः बाडेछीना अल्मोड़ा के हैं. वर्त्तमान में माध्यमिक शिक्षा में अध्यापन…

6 years ago