Harishankar Parsai

भोलाराम का जीव : हरिशंकर परसाईभोलाराम का जीव : हरिशंकर परसाई

भोलाराम का जीव : हरिशंकर परसाई

ऐसा कभी नहीं हुआ था… धर्मराज लाखों वर्षों से असंख्य आदमियों को कर्म और सिफारिश  के आधार पर स्वर्ग या…

3 years ago
मैं कैसे कहूँ कि यह वर्ष तुम्हें सुख दे : हरिशंकर परसाईमैं कैसे कहूँ कि यह वर्ष तुम्हें सुख दे : हरिशंकर परसाई

मैं कैसे कहूँ कि यह वर्ष तुम्हें सुख दे : हरिशंकर परसाई

साधो, बीता साल गुज़र गया और नया साल शुरू हो गया. नए साल के शुरू में शुभकामना देने की परंपरा…

3 years ago
आवारा भीड़ के खतरे : हरिशंकर परसाईआवारा भीड़ के खतरे : हरिशंकर परसाई

आवारा भीड़ के खतरे : हरिशंकर परसाई

एक अंतरंग गोष्ठी सी हो रही थी युवा असंतोष पर. इलाहाबाद के लक्ष्मीकांत वर्मा ने बताया - पिछली दीपावली पर…

4 years ago
एक मध्यमवर्गीय कुत्ता : हरिशंकर परसाईएक मध्यमवर्गीय कुत्ता : हरिशंकर परसाई

एक मध्यमवर्गीय कुत्ता : हरिशंकर परसाई

मेरे मित्र की कार बँगले में घुसी तो उतरते हुए मैंने पूछा, 'इनके यहाँ कुत्ता तो नहीं है?' मित्र ने…

4 years ago
प्रेमचंद के फटे जूतेप्रेमचंद के फटे जूते

प्रेमचंद के फटे जूते

प्रेमचंद का एक चित्र मेरे सामने है, पत्नी के साथ फोटो खिंचा रहे हैं. सिर पर किसी मोटे कपड़े की टोपी,…

6 years ago
वे दिखा रहे हैं क्योंकि जनता आँखों पर पट्टी बाँधे जादूगर का खेल देखना चाहती हैवे दिखा रहे हैं क्योंकि जनता आँखों पर पट्टी बाँधे जादूगर का खेल देखना चाहती है

वे दिखा रहे हैं क्योंकि जनता आँखों पर पट्टी बाँधे जादूगर का खेल देखना चाहती है

भारत को चाहिए जादूगर और साधु - हरिशंकर परसाई हर 15 अगस्त और 26 जनवरी को मैं सोचता हूँ कि…

7 years ago