Bhuwan Chandra Pant

ऐसे बनायें घर पर ही शुद्ध पिठ्या

हिन्दू परिवारों में कोई उत्सव हो अथवा पारिवारिक रस्म, पिठ्या (रोली) के बिना रस्म पूरी नहीं होती. अमूमन लोग बाजार…

5 years ago

दम भाई निज भाई और भाई घसड़ पसड़

'दम मारो दम मिट जाये गम’ गाना तो बीसवीं शताब्दी में बना साहब! जब कि गम मिटाने का ये नुस्खा…

5 years ago

भय बिनु होय न प्रीति का पहाड़ी कनेक्शन – चेटक लगना

बचपन से कई ऐसे संवाद धार्मिक प्रसंगों में सुनते आये हैं जिनका आशय तो हम नहीं समझ पाते लेकिन अतार्किक…

5 years ago

प्रताप भैया की जयन्ती पर विशेष : मेरे चाचा अपने नहीं, खान मेरे चाचा

प्रताप भैया की 87वीं जयन्ती पर कोई सामान्य सी घटना भी आपकी जिन्दगी की दिशा मोड़ सकती है, यदि संवदेनशीलता…

5 years ago

पहाड़ी तकिया कलाम नहीं वाणी की चतुरता की नायाब मिसाल है ठैरा और बल का इस्तेमाल

आम पहाड़ियों में ठैरा और बल शब्द जाने-अनजाने उनका पीछा नहीं छोड़ते. सुदूर  महानगरों में रहने वाले लोग भी जो…

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भवाली के लोग भूले नहीं हैं डॉ. आन सिंह को

पचास के दशक के अन्त में जब होश संभाली, तो घर में किसी सदस्य के गम्भीर बीमार पड़ने पर डॉ.…

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बूढ़ी हो चली पहाड़ी शादियों की कई परम्परागत रस्में

यह कहना गलत न होगा कि उत्तराखण्ड की शादियों में जो रस्में होती थी, उनमें से कई आज बूढ़ी हो…

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घुघुती, प्योली व काफल पर्वतीय लोकजीवन के कितने करीब

ब्रह्मकमल और मोनाल को भले राज्य पक्षी एवं राज्य पुष्प का सम्मानजनक ओहदा मिल चुका हो, लेकिन लोकजीवन व लोकसाहित्य…

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पहाड़ी लाल कद्दू की ज़ायकेदार चटनी

सर्दियों का मौसम आते ही आप पहाड़ के किसी गांव की ओर चले जायें, आपको छत पर तथा दन्यारों पर…

5 years ago

जब पहाड़ों में मां रोते हुए बच्चे से कहती थी चुप जा नहीं तो ‘हुणियां’ आ जायेगा

छुटपन में बच्चे जब किसी चीज के लिए जिद करते तो डराया जाता - चुप जा, नहीं तो 'हुणियां’ आ…

5 years ago