Baba Nagarjun

वो शेर ओ शायरी, वो कविता और वो बाबा नागार्जुन का शहर में आना

पहाड़ और मेरा जीवन – 65 (पिछली क़िस्त: वो मेरा ‘काटो तो खून नहीं’ मुहावरे से जिंदा गुजर जाना तेरी बज्म…

4 years ago

बाकी बच गया अण्डा

बाकी बच गया अण्डा - नागार्जुन पाँच पूत भारतमाता के, दुश्मन था खूँखार गोली खाकर एक मर गया, बाक़ी रह…

5 years ago

सपने में भी सच न बोलना, वर्ना पकड़े जाओगे

बाबा नागार्जुन की एक पुरानी कविता (Poem of Baba Nagarjun) सच न बोलना मलाबार के खेतिहरों को अन्न चाहिए खाने…

6 years ago