alok dhanwa birthday

एक दुनिया जो रोज़ बनती है उसके कवि का जन्मदिन है आज

अब जब कविता के रूप, उसके प्रतिपाद्य, उसकी भाषा से ज़्यादा उसके होने, न होने पर ही चौतरफा हमले हैं,…

5 years ago