A Satire by Priy Abhishek

सालों पुराना नुस्खा: छोटा कैनवास

“साहिबान, गाड़ी आपकी चलने वाली है. आपका ध्यान चाहूँगा. बस दो मिनट लूँगा आपका.साहब, कई बार कविता सुनते हैं, उसको…

4 years ago

लेखकों को पाठक बनकर समझ आ रहा है कि उन्होंने जनता का कितना उत्पीड़न किया है

कोरोना के इस लॉक-डाउन से एक बात बाखूबी समझ आ रही है कि चुनाव सम्बंधी एक्ज़िट पोल क्यों फ़ेल हो…

5 years ago