शैलेश मटियानी की कहानी

अद्भुत है शैलेश मटियानी की कहानी ‘दो दुखों का एक सुख’

'साधो, करमगती किन टारी...' - मिरदुला कानी, सीढ़ी के पथरौटे पर बैठी, मंजीरा कुटफुटा रही थी - 'कोस अनेक बिकट…

2 years ago

कहानी : मिसेज ग्रीनवुड

अल्मोड़ा के उत्तर की ओर सिंतोला वन पड़ता है. बाँज, देवदार, चीड़ और काफल के घने गाछों से घिरे सिंतोला…

3 years ago

शैलेश मटियानी की कहानी : उसने तो नहीं कहा था

राइफल की बुलेट आड़ के लिए रखी हुई शिला पर से फिसलती हुई जसवंतसिंह के बाएँ कंधे में धँसी थी,…

3 years ago

शैलेश मटियानी की कहानी : बित्ता भर सुख

अपने इस नए कार्यक्षेत्र में आने के बाद उसे यह पहला बच्चा जनवाना है. परसों जब वह यहाँ पहुँची, शाम…

3 years ago

आकाश कितना अनंत है

जो रिश्ता पिछली सर्दियों में तय हुआ, उसे तोड़ दिए जाने का निर्णय लिया जा चुका है. अब उसकी शादी…

3 years ago

मैमूद: शैलेश मटियानी की कालजयी कहानी

महमूद फिर ज़ोर बाँधने लगा, तो जद्दन ने दायाँ कान ऐंठते हुए, उसका मुँह अपनी ओर घुमा लिया. ठीक थूथने…

4 years ago

अर्धांगिनी : छुट्टी में पहाड़ आये फ़ौजी का घर-संसार लपेटे शैलेश मटियानी की कहानी

टिकटघर से आखिरी बस जा चुकने की सूचना दो बार दी जा चुकने के बावजूद नैनसिंह के पाँव अपनी ही…

4 years ago