शेरदा अनपढ़ की कविता

उत्तराखंड के कालिदास शेरदा

शेरदा चले गये. मेरा उनका वर्षों साथ रहा. सचमुच वे अनपढ़ थे. यदि अनपढ़ नहीं होते तो इतनी ताजी उपमाएँ…

4 years ago

बच्चों को एमए, पीएच.डी. की डिग्री देने वाला अनपढ़ कवि शेरदा

जब से मैंने शेरदा की किताब ‘मेरि लटि पटि’ अपनी यूनिवर्सिटी में एमए की पाठ्यपुस्तक निर्धारित की, एकाएक पढ़े-लिखे सभ्य…

5 years ago

जीवन की गजब दार्शनिक एवं व्यावहारिक समझ थी शेरदा अनपढ़ को

सन् 1971 में जब मैंने हाईस्कूल पास किया तब अंग्रेजी पाठ्य पुस्तक में सरोजनी नायडू की एक कविता थी- ‘वीवर्स’…

5 years ago

शेरदा अनपढ़ की कविता – को छै तू

भुर भुर उज्याई जसी जाणि रत्तै ब्याण,भिकुवे सिकड़ी कसि ओढ़ी जै निसाण,खित्त कनैं हंसणऔर झऊ कनैं चाण,क्वाठन कुरकाती लगूंमुख क…

5 years ago