पहाड़ में जीवन जीने का पर्याय है हाड़-तोड़ मेहनत. हाड़-तोड़ मेहनत पहाड़ के लोगों का आभूषण है जिसे यहां के…
सत्तर के दशक तक पिथौरागढ़ में दुतिया बोले तो भाई दूज, अलौकिक त्यौहार होता था. गांव घर के लोग रक्षाबंधन…
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया अर्थात दीवाली के दो दिन बाद भैया दूज या भाई दूज का त्यौहार…
मीडिया व बाजार धीरे-धीरे हमारी विभिन्न लोक व उसकी संस्कृतियों को निगलते जा रहे हैं. और यह इतने धीरे से…