गणेश मर्तोलिया

भाबर में बकरियों के डेरे से भर्ती हुये बुबू की भेजी पहली भेंट की फसक

मैं अपने गांव से जुड़ी एक प्यारी सी फसक आप से साझा करने जा रहा हूं, यह फसक मैंने बचपन…

4 years ago

पेंटिंग के माध्यम से आपबीती कहकर मुनस्यारी के नन्हे बच्चों का दुनिया को एक जरूरी संदेश

शाखें रहेंगी तो फूल भी पत्ते भी आयेंगे,ये दिन अगर बुरे हैं तो अच्छे भी आयेंगे (Munsiyari Dhapa Village Children's Painting)…

4 years ago

आपदा के बीच घ्यूं त्यार के दिन ढुस्का गाते धापा गांव के परिवार

मैंने मुनस्यारी से 15 किमी दूर धापा गांव में सन् 1991 में जन्म लिया. तब गांव में न बिजली थी,…

4 years ago

हम सब की साझी विरासत है यह – गणेश मर्तोलिया की जोहार यात्रा

गणेश मर्तोलिया ने लोकसंगीत के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. बेहद विनम्र स्वभाव के गणेश हर समय…

5 years ago