‘उत्तराखण्ड होली के लोक रंग’

फागुन को पौड़ी के बड़े याकूब का इन्तजार रहता है

होली है जो बैरभाव को जगाती है और न जात-पात को देखती है और न छोटे-बड़े का भेद समझती है.…

6 years ago

बच्चों ने भरे थे टिहरी की होली में रंग

हिमालय की उपत्यका में बसा गढ़वाल यूं तो अपनी, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं धार्मिक आस्थाओं की वजह से अपनी गौरवमयी छवि…

6 years ago

केशरबाग लगाया, मजा बादशाह ने पाया : कुमाऊनी बैठकी होली परम्परा

जब कभी पर्वतीय संस्कृति की चर्चा होती है, विशेषकर कुमाउंनी संस्कृति की तो स्वतः ही यहां की बैठकी होली (Kumaon…

6 years ago

कभी तो खिलेंगे इन डारिन वे फूल : सतराली में होली की यादें

मेरा बचपन अल्मोड़ा के समीप सतराली में बीता. सतराली की होली प्रसिद्व थी. बसन्त पंचमी से होली गायन आरम्भ होता…

6 years ago

खोलो किवाड़ चलो मठ भीतर : गढ़वाली होरी के गीत

वसन्त ऋतु में होली का विशेष महत्व है. गढ़वाल में होली को होरी कहा जाता है. इस नृत्यगीत में ब्रजमंडल…

6 years ago

रंग हमारो बिदेस सिधारो- कुमाऊनी होली पर चारू चन्द्र पांडे का लेख

कुमाऊं की रंगीली होलियां -चारू चन्द्र पांडे कुमाऊँ में होलियों का पर्व बड़े उत्साह से मनाया जाता है, होली की…

6 years ago

जिनके पिया परदेस बसत हैं : लखनऊ में कुमाऊनी होली की परम्परा

'उत्तराखण्ड होली के लोक रंग' शेखर तिवारी द्वारा संपादित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है. चंद्रशेखर तिवारी काफल ट्री के नियमित सहयोगकर्ता…

6 years ago