Kafal Tree
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अनपाशणि
समाज
अनपाशणि से पहले पिछले जन्म की सारी बातें याद रहती हैं
’प्राणो वा अन्नः’ अन्न ही प्राण है, यह वेदोक्त बात है. अन्न को ब्रह्म का स्वरूप भी कहा गया है,…
4 years ago