विष्णु खरे

बिटिया कैसे साध लेती है इन आँसुओं को तू

कहने को तो वीरेन डंगवाल हिंदी के एम.ए.पीएच.डी और लोकप्रिय, बढ़िया प्राध्यापक थे, एक बड़े दैनिक के सम्पादक भी रहे,…

5 years ago

धरती मिट्टी का ढेर नहीं है अबे गधे

वीरेन डंगवाल (Viren Dangwal) के बारे में मशहूर कवि/सम्पादक/आलोचक विष्णु खरे ने लिखा था: "लेकिन इससे बड़ी ग़लती कोई नहीं…

5 years ago