ललित मोहन रयाल

ये कौन आया…

छह-सात दशक पहले, हिंदी सिनेमा में रोमानी उत्थान के गीतों की जो धारा बहनी शुरू हुई, लंबे अरसे तक उनका…

6 years ago

रूना लैला: क्वीन ऑफ़ बांग्ला पॉप

क्वीन ऑफ़ बांग्ला पॉप के नाम से मशहूर रूना लैला, बॉलीवुड में एक ताजा हवा के झोंके सी आईं. उनका…

6 years ago

एक लोक भाषा कवि

लोकभाषा में उनका उपनाम 'चाखलू' था, तो देवनागरी में 'पखेरू'. दोनों नाम समानार्थी बताए जाते थे. भयंकर लिक्खाड़ थे. सिंगल…

6 years ago

फिल्मी सितारों से कम फेमस नहीं होते थे उस ज़माने के न्यूज़रीडर

दूरदर्शन के ध्वनि-संकेत के साथ, सबका अपना-अपना काम-धाम छोड़कर टेलीविजन सेट के आगे बैठ जाना. मोहल्ले का मोहल्ला यानी समूचा…

6 years ago

जानलेवा कवि

'जानलेवा' उनका तखल्लुस था, ओरिजिनल नाम में जाने की, कभी किसी ने जरूरत ही नहीं समझी. संपादक को जब उन्होंने…

6 years ago

पीके: आस्था के नाम पर पनप रहे अंधविश्वास पर तार्किक चोट करती फिल्म

ट्रांजिस्टर लटकाए हुए रिमोट खोजने की जद्दोजहद. अबोध सवाल. जिज्ञासा भरे सवाल. अजीबोगरीब हरकतें. जवाब देने वालों का उससे पूछना,…

6 years ago

भगवान शिव के विषय में मजाक-छेड़छाड़ भरा गीत

'बोल गोरी बोल, तेरा कौन पिया...' गीत, फिल्म मिलन (1967) का एक पॉपुलर गीत है, जो सुनील दत्त और जमुना…

6 years ago

गीतकार योगेश के गीत के लिए मुकेश को मिला इकलौता राष्ट्रीय पुरस्कार

पार्श्वगायक मुकेश ने हिंदी सिनेमा को एक-से-एक नायाब नगमे दिए. उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड तो कई मिले (चार बार), लेकिन राष्ट्रीय…

6 years ago

3 ईडियट्स: हल्के-फुल्के अंदाज में यांत्रिक शिक्षा-पद्धति पर गहरे सवाल

3 ईडियट्स (Three Idiots) निर्देशक: राजू हिरानी (Raju Hirani) गंभीर मुद्दों को हल्के-फुल्के अंदाज में कहने और सेल्यूलाइड स्क्रीन पर…

6 years ago

लगे रहो मुन्नाभाई: राजू हीरानी की बेजोड़ फिल्म

चाहे गंभीर बातों को मनोरंजक तरीके से कहना हो या फिर गाढ़ी शब्दावली अथवा गंभीर विचारों को मनमाफिक तरीके से…

6 years ago