जिस ऊॅचाई पर मानव के सिर दिखाई देने बन्द हो जाते है, वहां ब्रह्मकमल उगने शुरू होते हैं. जिन कक्षों…
मैं, अर्थात गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर के प्रांगण में स्थित त्रिशूल, आँखिन देखी अपनी कथा सुनाकर जी हल्का करना चाहता…