आशुतोष उपाध्याय

इंटरनेट डेटा की ख़ुराक पर पलता मनमोहक फ़ासीवाद

इतिहासकार युवाल नोआ हरारी चेताते हैं कि फ़ासीवादियों को पहचानना आज इतना भी आसान नहीं है. वे हमेशा अपनी राक्षसी…

5 years ago

मशीन में मिल जाने की कगार पर आ पहुंचा है इंसान

औद्योगिक क्रांति से अब तक इंसान बेहद गैर-ज़िम्मेदारी से अपने पर्यावरण को तोड़ने-मरोड़ने में लगे रहे. नतीजतन जलवायु से सम्बंधित…

5 years ago

आदमी ने ऐसी दुनिया बना डाली है जिसे अब वह खुद नहीं समझ सकता

मानव सभ्यता का अगला पड़ाव: ऑटोमेशन, नई नैतिकता और एक 'वैश्विक निकम्मा वर्ग' हमारे भविष्य की तस्वीर कैसी होगी- एक…

5 years ago

तब बहुत निष्कपट हुआ करता था पहाड़ी जीवन

मेरा बचपन-3 (आखिरी क़िस्त) (डीडी पन्त की अप्रकाशित जीवनी के अंश पिछली कड़ी का लिंक : एक एसडीएम को देखकर…

6 years ago

एक एसडीएम को देखकर खूब पढ़ने की इच्छा हुई

मेरा बचपन-2 (डीडी पन्त की अप्रकाशित जीवनी के अंश) -देवी दत्त पंत पिछली कड़ी का लिंक: बचपन में फलदार पेड़ों…

6 years ago

बचपन में फलदार पेड़ों का आनंद:

मेरा बचपन-1 (डीडी पन्त की अप्रकाशित जीवनी के अंश) -देवी दत्त पंत सुबह उठते ही कोलाहल, चिन्ता, अव्यवस्था, 70 वर्श…

6 years ago

कल्पना की छलांग भर नहीं हैं आविष्कार

विक्रम सोनी जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में सेंटर फॉर थेओरेटिकल फिजिक्स से जुड़े हैं; रोमिला थापर जवाहरलाल नेहरू…

6 years ago

क्यों ज़रूरी है स्कूलों के इस पागलपन से पीछे लौटना

बोस्टन में मनोविज्ञान पढ़ाने वाले प्रोफ़ेसर पीटर ग्रे ने हाल के वर्षों में आधुनिक शिक्षा पद्धति की बुनियाद को लेकर…

6 years ago