अमित श्रीवास्तव

संत समागम वाया फेसबुक फ्रेंडिंग से अन्फ्रेन्डिंग तक

थोथा देई उड़ाय-1 कल एक मित्र ने मुझे अमित्र कर दिया. ये कुट्टी हो जाने का बालिग संस्करण है. (Facebook…

5 years ago

कुछ दिन तो बसो मेरी आँखों में

(पोस्ट को रुचिता तिवारी की आवाज़ में सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें) मेलोडेलिशियस-10 ये ऑल इंडिया रेडियो नहीं…

5 years ago

ये नयन डरे डरे

(पोस्ट को रुचिता तिवारी की आवाज़ में सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें) मेलोडेलिशियस-9 ये ऑल इंडिया रेडियो नहीं…

5 years ago

चैन कैसा जो पहलू में तू ही नहीं

(पोस्ट को रुचिता तिवारी की आवाज़ में सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें) मेलोडेलिशियस-8 ये ऑल इंडिया रेडियो नहीं…

5 years ago

आप ऐसे थे नहीं आपको ऐसा बनाया गया है : आज का हमारा समाज

जम्हूरियत इक तर्ज़-ए-हुकूमत है कि जिस में बंदों को गिना करते हैं तौला नहीं करते - अल्लामा इक़बाल इसी लोकसभा…

5 years ago

जिसके हाथों रास है, वो खच्चर का ख़ास है

अंतर_देस_इ (शेष कुशल है) ओए नागरिक अमाँ बाशिंदे अबे देसवासी जियो... बसो... फलो तुम्हारा ख़त (मत) मिला. बहुत उत्साह में…

5 years ago

महसूस तुम्हें हर दम फिर मेरी कमी होगी

मेलोडेलिशियस-3 (पोस्ट को रुचिता तिवारी की आवाज़ में सुनें) ये ऑल इंडिया रेडियो नहीं है. ये ज़हन की आवाज़ है.…

5 years ago

माँ होने का मतलब उस स्त्री से पूछना जो माँ नहीं होती

'माँ, महान होती है.' 'माँ, महान ही होती है.' हमारी सामाजिक व्यवस्था में ये दोनों वाक्य अधूरे हैं. इसका एक…

5 years ago

ये आँखें ही काफी हैं `डेल्ही क्राइम’ देखना शुरू करने के लिए

देयर इज़ ऐन एक्टर हू वांट्स टू बी नोन ऐज़ ए पोएट एक दूसरा सच भी होता है जो अपराध…

5 years ago

जो मैं जानती बिसरत हैं सइयाँ

आज से हम एक नया संगीतमय कॉलम शुरू करने जा रहे हैं. यह कॉलम अमित श्रीवास्तव और रुचिता तिवारी की…

5 years ago