Featured

क्या हैं स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें, जिन्हें लागू कराना चाहते हैं किसान

प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन को देश में हरित क्रांति का जनक कहा जाता है. स्वामीनाथन जेनेटिक वैज्ञानिक हैं. तमिलनाडु के रहने वाले इन वैज्ञानिक ने 1966 में मेक्सिको के बीजों को पंजाब की घरेलू किस्मों के साथ मिश्रित करके उच्च उत्पादकता वाले गेहूं के संकर बीज विकिसित किए. यूपीए सरकार ने किसानों की स्थिति का जायजा लेने के लिए एक आयोग का गठन किया जिसे स्वामीनाथन आयोग कहा गया.

एम. एस. स्वामीनाथन ही वे पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने सबसे पहले गेहूँ की एक बेहतरीन किस्म को पहचाना और स्वीकार किया. इस कार्य के द्वारा भारत को अन्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाया जा सकता था. यह मैक्सिकन गेहूँ की एक किस्म थी, जिसे स्वामीनाथन ने भारतीय खाद्यान्न की कमी दूर करने के लिए सबसे पहले अपनाने के लिए स्वीकार किया. इसके कारण भारत के गेहूँ उत्पादन में भारी वृद्धि हुई. इसलिए स्वामीनाथन को “भारत में हरित क्रांति का अगुआ” माना जाता है. इस क्रांति ने भारत को दुनिया में खाद्यान्न की सर्वाधिक कमी वाले देश के कलंक से उबारकर 25 वर्ष से कम समय में आत्मनिर्भर बना दिया था.

किसानों की भलाई की बात सामने आते ही सबसे पहले स्वामीनाथन रिपोर्ट सभी के जहन में आती है. किसान संगठन हर बार स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने की मांग करते रहे हैं. उन्होंने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए जो सुझाव दिए थे, अगर वो पूरी तरह लागू हो जाएं तो किसानों की दशा बदल सकती है.

स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें-

  • किसानों के लिए कृषि जोखिम फंड बनाया जाए, ताकि प्राकृतिक आपदाओं के आने पर किसानों को मदद मिल सके.
  • किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज कम दामों में मुहैया कराए जाएं.
  • गांवों में किसानों की मदद के लिए विलेज नॉलेज सेंटर या ज्ञान चौपाल बनाया जाए.
  • फ़सल उत्पादन मूल्य से पचास प्रतिशत ज़्यादा दाम किसानों को मिले.
  • सरप्लस और इस्तेमाल नहीं हो रही ज़मीन के टुकड़ों का वितरण किया जाए.
  • खेतीहर जमीन और वनभूमि को गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए कॉरपोरेट को न दिया जाए.
  • फसल बीमा की सुविधा पूरे देश में हर फसल के लिए मिले.
  • कर्ज की वसूली में राहत, प्राकृतिक आपदा या संकट से जूझ रहे इलाकों में ब्याज से राहत हालात सामान्य होने तक जारी रहे.
  • एमएसपी औसत लागत से 50 फीसदी ज्यादा रखने की सिफारिश भी की गई है ताकि छोटे किसान भी मुकाबले में आएं.
  • एग्रिकल्चर रिस्क फंड का गठन किया जाए.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार

लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया.…

1 week ago

भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू

इगास पर्व पर उपरोक्त गढ़वाली लोकगीत गाते हुए, भैलों खेलते, गोल-घेरे में घूमते हुए स्त्री और …

1 week ago

ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए

तस्वीरें बोलती हैं... तस्वीरें कुछ छिपाती नहीं, वे जैसी होती हैं वैसी ही दिखती हैं.…

2 weeks ago

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

2 weeks ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

3 weeks ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

3 weeks ago