उत्तराखण्ड के बाड़े छीना (अल्मोड़ा) में जन्मे, हिंदी साहित्य के महान लेखक व साहित्यकार ‘शैलेश मटियानी’ की कहानियों का उर्दू अनुवाद हल्द्वानी निवासी फ़रीद अहमद ने किया है. तथा अल्ट्रा क्रिएशन्स पब्लिकेशन द्वारा पुस्तक ‘शैलेश मटियानी की कहानियां’ को प्रकाशित किया गया है. (Shailesh Matiyani stories Urdu)
अनुवादक फ़रीद अहमद ने कहा कि ‘शैलेश मटियानी’ उत्तराखण्ड व हिंदी साहित्य की धरोहर हैं, उन्होंने अपनी कहानियों में समाज की सच्चाई, ज़माने की तल्ख़ हकीकत और एक आम इंसान की ज़मीनी जंग को बयान किया है. ‘शैलेश मटियानी’ के लेखन व साहित्य पर भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में शोध कार्य किए जा रहे हैं. लेकिन अभी तक ‘शैलेश मटियानी’ के लेखन व साहित्य को उर्दू भाषा में अनुवाद नहीं किया गया है. जबकि हिंदी साहित्य के प्रेमचंद, राजिंदर सिंह बेदी, कृष्ण चंदर सहित कई लेखकों की रचनाओं को उर्दू भाषा में अनुवाद किया गया जा चुका है. ‘शैलेश मटियानी’ की रचनाओं के उर्दू अनुवाद के क्रम में यह पहली पुस्तक होगी, जिसमें ‘शैलेश मटियानी’ की चार हिंदी कहानियों का सरल उर्दू अनुवाद किया गया है.
पुस्तक ‘शैलेश मटियानी की कहानियां’ में ‘शैलेश मटियानी’ के कठिन व परिश्रमपूर्ण जीवन का संक्षिप्त वरण के साथ आपकी चार कहानियाँ- 1. ‘मैमूद’ 2. ‘आकाश कितना अनंत है’, 3. ‘मिसेज ग्रीनवुड’, 4. ‘हरा हुआ’ का उर्दू अनुवाद किया गया है. यह चारों कहानियाँ आम इंसान के रोजमर्रा की जिंदगी के मनोवैज्ञानिक तथा आंतरिक व बाह्य संरचना के इर्द-गिर्द घूमती हैं.
फ़रीद अहमद उर्दू भाषा के रिसर्च स्कॉलर तथा कई पुस्तकों के लेखक व संपादक हैं. उनके द्वारा उर्दू साहित्य की पुस्तकों का हिंदी तथा हिंदी साहित्य की पुस्तकों का उर्दू में अनुवाद किया जा रहा है.
पुस्तक ‘शैलेश मटियानी की कहानियां’ को पोथी.कॉम से मंगाया जा सकता है तथा ई-बुक के रूप मे अमेज़न व गूगल बुक से डाउनलोड किया जा सकता है.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया.…
इगास पर्व पर उपरोक्त गढ़वाली लोकगीत गाते हुए, भैलों खेलते, गोल-घेरे में घूमते हुए स्त्री और …
तस्वीरें बोलती हैं... तस्वीरें कुछ छिपाती नहीं, वे जैसी होती हैं वैसी ही दिखती हैं.…
उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…
शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…
कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…