अभी तक हवाई यात्रा करते समय आपको अपने सात ले लाये जाने वाले हैंडबैग की स्क्रीनिंग के समय केवल अपने लैपटॉप या टेबलेट को अलग से ट्रे में रखता होता था. अब इस तरह की अलग स्क्रीनिंग किये जाने वाले सामानों में बटुआ, मोबाइल फोन, चार्जर, लिखने की कलम और अन्य किसी भी तरह का इलेक्ट्रोनिक सामान भी शामिल हो गया है.
कलम की स्क्रीनिंग अलग से इसलिए की जा रही है कि पिछले कुछ दिनों में बड़े आकार की पेनों में चाकू पाए गए हैं. दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर जाने वाले यात्रियों के साथ इन क़दमों को लागू करने की शुरुआत हो गयी है. सीआईएसएफ के एक बड़े अधिकारी के मुताबिक़ ऐसा सारे देश में किया जाएगा ताकि हवाई अड्डों पर सुरक्षा क्लियरेंस में तेज़ी लाई जा सके.
किसी भी तरह का संदेह होने की सूरत में यात्री को अपने बैग का एक-एक सामान बाहर निकाल कर दिखाना होगा. सीआईएसएफ के अधिकारी का कहना था कि ऐसा करने से सामान की प्रोसेसिंग का समय बचेगा और स्क्रीनिंग की गुणवत्ता में सुधार आएगा.
इसके अलावा सीआईएसएफ बड़े बड़े बोर्ड्स लगाकर यात्रियों को बताएगा कि केबिन में किस किस तरह का सामान ले जाने की अनुमति नहीं है.
इस निर्णय को इस परिप्रेक्ष्य में भी देखा जाना चाहिए कि पिछले पांच वर्षों में हवाई यात्रा करने वालों की संख्या में हुई 65% बढ़ोत्तरी के बावजूद सीआईएसएफ के प्रबंध तंत्र और मानव-संसाधन में कोई बदलाव नहीं हुआ है. सो सीमित संसाधनों के बावजूद इस बढ़ी हुई ज़िम्मेदारी को सीआईएसएफ के जवान किस तरह निभाते हैं यह देखने की बात होगी.
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