स्वतंत्र फोटोग्राफर पत्रकार और सोशल एक्टिविस्ट स्व. कमल जोशी की फोटोग्राफी में पहाड़ का जीवन, दर्द वहां की परंपराएं और पहाड़ में हो रहे बदलावों की झलक दिखती थी. उनकी पहाड़ और हिमालय की यात्राओं में बहुत कुछ सीखने को मिलता. उनकी यात्राओं का विशेष रूप से हिमालयी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान है. उनकी यात्राओं के बारे में कई लेख और उनकी सोशल मीडिया प्लेटफार्म से जानकारी मिलती है. जो विभिन्न पहाड़ी राज्यों और उनकी सौंदर्यपूर्ण और प्राकृतिक सौंदर्य को वर्णित करते हैं. उनकी यात्राओं में वे अक्सर अप्रवासी, वन्य जीव, प्राकृतिक सौंदर्य, और स्थानीय संस्कृति के संगम को बयां करते हैं. उनकी यात्राओं की रिपोर्टों में उनका मानना है कि पर्यटन को विकसित करते हुए भी प्राकृतिक संतुलन को सुरक्षित रखना बहुत महत्वपूर्ण है.
(Remembering Kamal Joshi Uttarakhand Photographers)
इन दिनों अस्कोट-आरोकोट यात्रा चल रही है. इस यात्रा के शुरूआती दिनों में कमल जोशी भी अहम हिस्सा रहे हैं. कमल जोशी ने एक यात्रा के दौरान कहा था हर दस साल में होने वाली अस्कोट-आराकोट यात्रा के दौरान हम गांवों में जाते हैं और वहां लोगों से संवाद करते हैं. उससे संवाद स्थापित कर उनसे खाना और रहने के लिए आग्रह करते हैं. यात्रा में खाने और रहने को लेकर ग्रामीणों पर निर्भर रहना होता है. रात को खाना खाने के बाद ग्रामणों से संवाद करते हैं. जिसमें उनके जीवन, पहाड़ की परेशानी और वहां हो रहे बदलाव के बारे में जानते हैं. यात्राएं हमें नए स्थान पर जाने तथा नए लोगों से मिलने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करती हैं. हम वहां कि हर चीज को अच्छी तरह जान पाते हैं. नए स्थानों पर यात्रा करने से हम वहां का अच्छी प्रकार से निरीक्षण कर सकते हैं. हम अपने मन में ऐसी तस्वीरें बना लेते हैं जो कभी नहीं भूलती.
कमल जोशी की यात्राओं पढ़ना एक अद्वितीय अनुभव हो सकता है, जो हमें प्रकृति की सुंदरता और विविधता के साथ ही स्थानीय संस्कृति और जीवनशैली को भी जानने का अवसर देता है. कमल जोशी को मुख्य रूप से भारतीय समाज में सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है. वे अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं और उनकी फोटोग्राफी सामाजिक संदेशों को प्रकट करने में मदद करती है. उनके द्वारा कैप्चर किए गए छवियाँ अक्सर सामाजिक समस्याओं, सामुदायिक समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों और लोगों के अनुभवों को दर्शाती हैं. उनकी फोटोग्राफी साहसिक, संवेदनशील और आलोचनात्मक होती है.
कमल जोशी का समाज के लिए योगदान मुख्य रूप से उनकी फोटोग्राफी के माध्यम से होता है. उनकी फोटोग्राफी सामाजिक समस्याओं, सामुदायिक मुद्दों, और लोगों के अनुभवों को प्रकट करती है. उनके द्वारा कैप्चर किए गए छवियाँ अक्सर सामाजिक जागरूकता बढ़ाने और समाज में परिवर्तन लाने के उद्देश्य से उपयोगी होती हैं.
कमल जोशी के फोटोग्राफिक प्रोजेक्ट्स में आम तौर पर सामाजिक समस्याओं और अन्यायों पर ध्यान केंद्रित होता है, जैसे कि गरीबी, उत्पीड़न और पर्यावरण संरक्षण. उनकी फोटोग्राफी द्वारा वे समाज में सकारात्मक परिवर्तन और सहानुभूति की भावना को उत्पन्न करते हैं. उनका योगदान समाज को सकारात्मक दिशा में प्रेरित करने और उसमें संचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण है.
(Remembering Kamal Joshi Uttarakhand Photographers)
कमल जोशी की यात्राएं विशेष रूप से उनके फोटोग्राफी प्रोजेक्ट्स के संदर्भ में महत्वपूर्ण होती हैं. वे अक्सर अलग-अलग क्षेत्रों और समाज में यात्रा करते हैं ताकि वे समाज के विभिन्न पहलुओं को दर्शा सकें और लोगों के अनुभवों को समझ सकें. उनकी यात्राएं आमतौर पर उनके फोटोग्राफी प्रोजेक्ट्स के लिए समर्पित होती हैं, जहां वे लोगों के साथ बातचीत करते हैं, उनके अनुभवों को सुनते हैं और उनकी जीवनीय रूपरेखा को दर्शाते हैं. उनकी यात्राओं के दौरान, वे अक्सर अपराधिक या छल से पीड़ित समुदायों, गरीबी से प्रभावित क्षेत्रों, या अन्य सामाजिक समस्याओं के संपर्क में आते हैं और उन्हें अपनी फोटोग्राफी के माध्यम से दर्शाते हैं.
कमल जोशी की यात्राओं का उद्देश्य अक्सर सामाजिक जागरूकता बढ़ाना, समाज में सहानुभूति पैदा करना, और सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए होता थी. कमल जोशी ने अपनी फोटोग्राफी में पहाड़ों का दर्द को एक अनूठी रूप में प्रकट किया है. उनकी तस्वीरें अक्सर विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य, और पर्यावरणीय मुद्दों के साथ मिलती हैं. उनकी कला में एक गहरा संवाद पहाड़ों के साथ होता है, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता है और उन्हें पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है. उनकी फोटोग्राफी में दिखाई गई गहराई और भावनात्मक आसपास का अनुभव दर्शकों को एक नई परिपेक्ष में पहाड़ों की रचनात्मकता को देखने का अवसर प्रदान करती है. उनके फोटोग्राफ हमेसा समाज को एक नई दिशा देंगी और लोगों को सोचने के लिए प्रेरित करेंगी.
(Remembering Kamal Joshi Uttarakhand Photographers)
वरिष्ठ पत्रकार विजय भट्ट देहरादून में रहते हैं. इतिहास में गहरी दिलचस्पी के साथ घुमक्कड़ी का उनका शौक उनकी रिपोर्ट में ताजगी भरता है.
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