समाज

पहाड़ को हृदय में संजोकर रखने वाले प्रो. डी.डी. पन्त के बचपन से जुड़ी कुछ तस्वीरें

साल 1919 में 14 अगस्त के दिन पिथौरागढ़ जिले के दूरस्थ गांव देवराड़ी में रहने वाले वैद्य अम्बादत्त पन्त को पुत्र हुआ. वैद्यजी ने बेटे को नाम दिया देवी दत्त. देवी दत्त की शुरूआती शिक्षा गांव में ही हुई. पिता ने बेटे को कांडा के जूनियर हाईस्कूल और बाद में इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई के लिए अल्मोड़ा भेजा.
(Prof. D D Pant)

इधर इंटर की परीक्षा के परिणाम का इंतजार था उधर नेपाल के बैतड़ी गाँव में रहने वाले पिता के दोस्त ने अपनी बेटी का विवाह देवी से करने का प्रस्ताव रखा. परिवार सम्पन्न था पिता और पुत्र दोनों को लगा विवाह करने से आगे की पढ़ाई की समस्या भी हल हो सकती है. इंटर का परिणाम आने से पहले ही देवी दत्त का विवाह हो गया.

वैवाहिक जीवन में बंधने के बाद देवी दत्त ने बनारस हिन्दू युनिवर्सिटी में दाखिला लिया और वहां से भौतिक विज्ञान में मास्टर्स डिग्री पाई. अनेक संघर्षों के बाद देवराड़ी का यह देवी दत्त महान वैज्ञानिक सर सी.वी. रमन का शिष्य बन गया और देश और दुनिया भर में प्रो. डी.डी. पन्त के नाम से विख्यात हुआ.
(Prof. D D Pant)

पन्त ने अपने जीवन काल में 20 पीएचडी और 150 शोध पत्र प्रस्तुत किये. 1973-77 तक पन्त कुमाऊं विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर रहे. पन्त कुमाऊं विश्वविद्यालय के पहले वाइस चांसलर थे.

साल 1979 में जब मसूरी में उत्तराखंड क्रांति दल की स्थापना हुई थी, पन्त इसके संस्थापक अध्यक्ष थे. पन्त के विचारों में पहाड़ के लिये विशेष आग्रह नजर आता हैं. अपने जीवन काल में दिए गये अलग-अलग वक्तव्यों में पहाड़ के प्रति उनका प्रेम सहज रूप से झलकता है.
(Prof. D D Pant)

प्रो. डी. डी. पन्त के गांव और जीवन से जुड़ी कुछ तस्वीरें. सभी तस्वीरें पहाड़ वेबसाईट से साभार ली गयी हैं :

1927 से 1930 के बीच यह डी. डी पन्त की कक्षा हो सकती है.
कांडा के इस भवन में प्रो. डी. डी पन्त ने पांचवी से सातवीं तक की पढ़ाई की थी
प्रो. डी.डी पन्त के गाँव का धारा. प्रो. डी.डी. पन्त ने अनेक बार इस धारे का जिक्र किया है.
प्रो. डी.डी. पन्त का गाँव में घर
प्रो डी डी पन्त के गांव में रह रहे उनके चचेरे भाई बहिन.

काफल ट्री डेस्क

Support Kafal Tree

.

प्रो. डी. डी. पन्त के विषय में पढ़िये :
सी. वी. रमन के छात्र थे कुमाऊं विश्वविद्यालय के पहले कुलपति प्रो. डी. डी. पन्त

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

16 hours ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

7 days ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

1 week ago

इस बार दो दिन मनाएं दीपावली

शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…

1 week ago

गुम : रजनीश की कविता

तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…

1 week ago

मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा

चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…

2 weeks ago