Featured

क्या पिथौरागढ़ महिला अस्पताल की स्थिति उपचुनाव का मुद्दा होगी

पिथौरागढ़ उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिये हैं. दोनों ही पार्टियों के इस बार महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है. पिथौरागढ़ के इतिहास में यह पहली बार है जब दोनों पार्टियों ने अपना टिकट महिला प्रत्याशी को दिया है. (Pithoragarh By-election)

पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पूर्व वित्तमंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद से खाली है. भाजपा ने प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत को टिकट दिया है तो कांग्रेस ने टिकट अंजू लूंठी को दिया है. (Pithoragarh By-election)

दोनों महिला प्रत्याशियों के होने के बाद यह उम्मीद की जा सकती है कि महिला स्वास्थ्य दोनों के लिये एक प्रमुख चुनावी मुद्दा होगा. पिथौरागढ़ में महिला अस्पताल की स्थिति क्या है यह आप मार्च 2019 की इस तस्वीर से देख सकते हैं.

फोटो : हिन्दुस्तान से साभार

कुछ तथ्यों से आपको पिथौरागढ़ महिला अस्पताल की स्थिति अधिक समझ आयेगी. महिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की जाँच के लिये सप्ताह में एक दिन अल्ट्रासाउंड कैम्प लगता है. इस कैम्प में धारचूला, मुनस्यारी, नाचनी, झुलाघाट, कनालीछीना, मुवानी, थल जैसे दूर-दूर से गर्भवती महिलायें आती हैं.

प्रसव के बाद महिलाओं को रखने के लिये अस्पताल के पास पर्याप्त चारपाई नहीं हैं, कई मौकों पर एक ही चारपाई में दो से तीन महिलाओं को लिटाया जाता है.

अस्पताल कुछ जिम्मेदार डाक्टरों के हाथ में है जिसके चलते बेहद कम संसाधनों के बावजूद यह अस्पताल न केवल चल रहा है बल्कि हजारों लोगों की प्रतिदिन मदद कर रहा है. यह अस्पताल आस-पास के एक बड़े इलाके में रहने वाली महिलाओं का एकमात्र सहारा है जो पिछले कई सालों से न्यूनतम संसाधनों के साथ लोगों के वास्तव में मदद कर रहा है.  

पिथौरागढ़ उपचुनाव में दोनों महिला प्रत्याशी होने से इस बात की उम्मीद बढ़ जाती है कि एक महिला होने के नाते महिलाओं की पीढ़ा वह बेहतर समझेंगी और कम से कम जीवन के मूलभूत आवश्यकता की पहली लड़ाई को अपना चुनावी मुद्दा बनाएंगी.  

-काफल ट्री डेस्क 

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Girish Lohani

Recent Posts

हो हो होलक प्रिय की ढोलक : पावती कौन देगा

दिन गुजरा रातें बीतीं और दीर्घ समय अंतराल के बाद कागज काला कर मन को…

2 weeks ago

हिमालयन बॉक्सवुड: हिमालय का गुमनाम पेड़

हरे-घने हिमालयी जंगलों में, कई लोगों की नजरों से दूर, एक छोटी लेकिन वृक्ष  की…

2 weeks ago

भू कानून : उत्तराखण्ड की अस्मिता से खिलवाड़

उत्तराखण्ड में जमीनों के अंधाधुंध खरीद फरोख्त पर लगाम लगाने और यहॉ के मूल निवासियों…

3 weeks ago

यायावर की यादें : लेखक की अपनी यादों के भावनापूर्ण सिलसिले

देवेन्द्र मेवाड़ी साहित्य की दुनिया में मेरा पहला प्यार था. दुर्भाग्य से हममें से कोई…

3 weeks ago

कलबिष्ट : खसिया कुलदेवता

किताब की पैकिंग खुली तो आकर्षक सा मुखपन्ना था, नीले से पहाड़ पर सफेदी के…

3 weeks ago

खाम स्टेट और ब्रिटिश काल का कोटद्वार

गढ़वाल का प्रवेश द्वार और वर्तमान कोटद्वार-भाबर क्षेत्र 1900 के आसपास खाम स्टेट में आता…

3 weeks ago