सुधीर कुमार

मुक्तेश्वर से बर्फ़बारी की कुछ तस्वीरें

दिसंबर मध्य से हिमालय की निचली चोटियों पर बर्फबारी की शुरुआत हो जाती है. दो-एक दफा होने वाली इस बर्फ़बारी का लोग साल भर इन्तजार करते हैं और मौका बनते ही पहाड़ों की ओर दौड़ लगा देते हैं. कुमाऊं के मैदानी इलाकों और दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों से प्रकृति प्रेमी और सैलानी इस मौके पर नैनीताल की तरफ कूच करते हैं. नैनीताल एक जगह है जो सड़क और रेल मार्ग से कई शहरों के करीब है. बर्फ़बारी के दिन बहुत कम ही लोगों को इसे देखने का मौका मिलता है, क्योंकि यह एक ऐसी घटना है जिसका होना बहुत अनिश्चित है. बर्फ़बारी के बाद के दिनों में भी सैलानी बर्फ के बचे-खुचे टुकड़ों पर इतराते दीखते हैं. Photos of Snowfall from Mukteshwar

इन शहरों-कस्बों से नैनीताल जैसी ही दूरी पर कई जगहें और भी हैं जहाँ कुदरत अपनी नेमतें बरसाती है. इन पहाड़ियों पर कुदरत यूँ भी कम मेहरबान नहीं है लेकिन बर्फ की चादर इन्हें और ज्यादा दिलकश, दिल अज़ीज बना देती हैं. इन्हीं में से है मुक्तेश्वर. बर्फ़बारी के मौके पर भवाली से गागर, रामगढ़ होते हुए मुक्तेश्वर पहुंचकर और फिर कसियालेख, धानाचूली बैंड से धारी, पदमपुरी होते हुए इस क्षेत्र की परिक्रमा पूरी कर लें तो अपार प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर नज़ारे देखने को मिलते हैं. इस पूरे क्षेत्र को प्रकृति ने यूं भी भरपूर खूबसूरती बख्शी है बर्फ इसे और ज्यादा निखार देती है. यहां उत्तराखण्ड के लोकप्रिय पर्यटक स्थलों से ज्यादा बर्फ गिरती है और ज्यादा दिनों तक टिकती भी है. यहां का ठेठ पहाड़ी जनजीवन और सीढ़ीदार खेत बर्फ की चादर ओढ़े खूब फबते हैं. घने जंगलों पर बसने वाले बर्फ के सफ़ेद फाहे मन मोह लेते हैं.

पिछले साल इसी परिक्रमा के दौरान ली गयी कुछ तस्वीरें.

सुधीर कुमार हल्द्वानी में रहते हैं. लम्बे समय तक मीडिया से जुड़े सुधीर पाक कला के भी जानकार हैं और इस कार्य को पेशे के तौर पर भी अपना चुके हैं. समाज के प्रत्येक पहलू पर उनकी बेबाक कलम चलती रही है. काफल ट्री टीम के अभिन्न सहयोगी.

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Sudhir Kumar

Recent Posts

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

14 hours ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

7 days ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

1 week ago

इस बार दो दिन मनाएं दीपावली

शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…

1 week ago

गुम : रजनीश की कविता

तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…

1 week ago

मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा

चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…

2 weeks ago