जंगल

चोपता : खूबसूरत गुलाबी बुराँश का अदभुत संसार

चोपता उत्तराखंड की सबसे खुबसूरत जगहों के रूप ने जानी जाती है. दो हजार छः सौ आठ मीटर की ऊंचाई पर स्थित चोपता ऐसा लगता है मानो गढ़वाल हिमालय में किसी ने स्वर्ग का टुकड़ा रख दिया हो. बर्फ की चोटियों से घिरे चोपता के बुग्याल और मखमली घास के मैदानों पर जाने के लिये बुरांश के जंगल से गुजरना पड़ता है.
(Photos of Chopta Uttarakhand)

फरवरी के अंत से यहां खिलना शुरु हुआ बुरांश मार्च खत्म होने तक इसे अपने गुलाबी आगोश में ले लेता है. पार्श्व में नीले आसमान और बर्फ से ढकी सफ़ेद चोटियों के साथ गुलाबी बुरांश से लदे पेड़ ऐसे दिखते हैं माने किसी चित्रकार ने दुनिया के सबसे सर्वोत्तम रंगों को कैनवास पर उतारा हो.

अपलक देखे जाने वाले इस दिलकश दृश्य को अपने कैमरे पर उतारा है काफल ट्री के अनन्य सहयोगी अमित साह ने-

फोटो: अमित साह
फोटो: अमित साह
फोटो: अमित साह
फोटो: अमित साह
फोटो: अमित साह
फोटो: अमित साह
फोटो: अमित साह
फोटो: अमित साह

फोटोग्राफर अमित साह ने बीते कुछ वर्षों में अपने लिए एक अलग जगह बनाई है. नैनीताल के ही सीआरएसटी इंटर कॉलेज और उसके बाद डीएसबी कैंपस से अपनी पढ़ाई पूरी करते हुए अमित ने बी. कॉम. और एम.ए. की डिग्रियां हासिल कीं. फोटोग्राफी करते हुए उन्हें अभी कोई पांच साल ही बीते हैं.


हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

Support Kafal Tree

.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…

2 days ago

पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला

उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…

2 days ago

1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…

3 days ago

बहुत कठिन है डगर पनघट की

पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…

4 days ago

गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’

आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…

4 days ago

गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा

“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…

1 week ago