Featured

कोरोना महामारी की दवा लांच करने वाला पतंजलि योगपीठ कोविड हमले से बेदम

पूरे देश की ही तरह उत्तराखण्ड में भी कोरोना वायरस संक्रमण के हालात बेकाबू हो गए हैं. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस समय प्रदेश में कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या सवा लाख से भी ज्यादा हो गयी है, मृतकों का आंकड़ा भी 1870 के करीब पहुंच गया है. सबसे ज्यादा संक्रमित लोग देहरादून जिले में हैं उसके बाद क्रमशः हरिद्वार, नैनीताल और ऊधम सिंह नगर का नंबर आता है. (Patanjali Yogpeeth Covid Attack)

इस बीच हरिद्वार में बाबा रामदेव का पतंजलि योगपीठ कोरोना के नए ठिकाने के रूप में सामने आया है. पतंजलि आचार्यकुलम, योगपीठ और योग ग्राम में कार्यरत कुल 39 छात्र-कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. योगग्राम में 20, योगपीठ में 10 और आचार्यकुलम में 9 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.

रामदेव के गढ़ में कोरोना के महाहमले ने रामदेव के कोरोना की दवा खोज निकालने के दावे को भी पूरी तरह गलत साबित कर दिया है.

23 जून 2020 को रामदेव की कंपनी ‘पतंजलि रिसर्च इंस्टिट्यूट’ ने बाकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इसमें ‘कोरोनिल’ और ‘श्वासारी वटी’ नाम की 2 दवाएं पेश कर कोविड-19 के इलाज का दावा किया गया. रामदेव ने इसके क्लिनिकल ट्रायल में सफल होने का दावा भी किया. ये वह समय है जब पूरी दुनिया में कोविड के नियंत्रण के लिए क्लिनिकल ट्रायल्स काफी तेजी से चल रहे थे. पतंजलि के इस दावे को फ्राड बताते हुए देश में कुछ एफआईआर भी दर्ज हुईं.

बवाल मचने पर आयुष मंत्रालय ने इस दावे का संज्ञान लेते हुए पतंजलि को कई सवालों के जवाब पेश करने को भी कहा. स्वास्थ्य मंत्रालय ने रामदेव की इस दावा के प्रचार-प्रसार पर रोक भी लगा दी. ये अलग बात है कि उस समय इस तरह के हवाई दावे करने वालों के खिलाफ महामारी एक्ट में मुक़दमे कायम कर उन्हें जेलों में ठूंसा जा रहा था.

इसके बाद पतंजलि ने नया दांव खेलते हुए कहा कि उन्होंने कभी कोरोना की दवा खोज लेने का दावा नहीं किया था बल्कि ये इम्युनिटी बूस्टर हैं और कोविड से लड़ने में मददगार है.

खैर पूरे देश ने देखा जहां ओझा और झोलाछाप डॉक्टर डिग्रीधारी डॉक्टरों पर हावी हैं वहां रामदेव की दवाएं बिकनी थीं और खूब बिकी भी.

फरवरी 2021 में रामदेव ने फिर से धमाका करते हुए कोरोना वायरस की प्रमाणित दवा लांच करने का दावा किया. इस कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी उपस्थित थे.

पतंजलि ने इस दवा के विश्व स्वास्थ्य संगठन की सर्टिफिकेशन स्कीम के तहत आयुष मंत्रालय से प्रमाणित होने का भी दावा किया. हर्षवर्धन और गडकरी ने भी बाबा का बखान कर आयुर्वेद की महिमा को स्थापित करने की बात की. कार्यक्रम में पतंजलि ने कोरोनिल और श्वासारी के अलावा पीड़ानिल, मधुनाशिनी, मुक्तावटी, इम्युनोग्रिट, प्रोस्टोग्रिट, आदि दवाएं लांच की. इस बात की तो दाद देनी पड़ेगी कि रामदेव दवाओं के नाम बहुत लुभावने रखते हैं और दावे भी. सो, पतंजलि ने दोबारा से पैसा कूटना शुरू किया और जमकर कूटा भी.

अब पतंजलि के हेडक्वार्टर पर ही कोरोना बम फटने के बाद रामदेव के हवाई दावों की हवा निकल चुकी है. आयुर्वेद और योग के जरिये कोरोना पर काबू पाया जा सकता है के दावे करने वाले रामदेव इन दिनों मौन व्रत धारण किये हुए हैं. इसके बाद दोबोरा इस बात की चर्चा होना लाजमी है कि योगगुरु रामदेव और पतंजलि ने कोरोना की दवा बना लेने का दावा कर देश को गुमराह किया है.

इसे भी पढ़ें : क्या पतंजलि के योग और आयुर्वेद द्वारा इलाज के दावे बेमानी हैं

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Sudhir Kumar

Recent Posts

अब्बू खाँ की बकरी : डॉ. जाकिर हुसैन

हिमालय पहाड़ पर अल्मोड़ा नाम की एक बस्ती है. उसमें एक बड़े मियाँ रहते थे.…

59 mins ago

नीचे के कपड़े : अमृता प्रीतम

जिसके मन की पीड़ा को लेकर मैंने कहानी लिखी थी ‘नीचे के कपड़े’ उसका नाम…

2 hours ago

रबिंद्रनाथ टैगोर की कहानी: तोता

एक था तोता. वह बड़ा मूर्ख था. गाता तो था, पर शास्त्र नहीं पढ़ता था.…

16 hours ago

यम और नचिकेता की कथा

https://www.youtube.com/embed/sGts_iy4Pqk Mindfit GROWTH ये कहानी है कठोपनिषद की ! इसके अनुसार ऋषि वाज्श्र्वा, जो कि…

2 days ago

अप्रैल 2024 की चोपता-तुंगनाथ यात्रा के संस्मरण

-कमल कुमार जोशी समुद्र-सतह से 12,073 फुट की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ को संसार में…

2 days ago

कुमाउँनी बोलने, लिखने, सीखने और समझने वालों के लिए उपयोगी किताब

1980 के दशक में पिथौरागढ़ महाविद्यालय के जूलॉजी विभाग में प्रवक्ता रहे पूरन चंद्र जोशी.…

6 days ago