राज्य बनने के बाद आज तक उत्तराखंड राज्य का कोई खिलाड़ी ओलम्पिक में पदक नहीं जीता है. 24 सालों उत्तराखंड राज्य इस बात में जरुर सफ़ल रहा है कि वह ओलम्पिक पदक विजेता से राज्य का कोई न कोई रिश्ता जरुर ढूढ़ निकालता है.
(Paris Olympic Player Uttarakhand)
पेरिस ओलंपिक से पहले उत्तराखंड मूल के केवल 5 खिलाड़ियों ने ओलम्पिक खेल में भाग लिया (राज्य बनने के बाद). इसके अलावा एक खिलाड़ी ने विंटर ओलम्पिक में भाग लिया था. पैरा ओलंपिक गेम्स में उत्तराखंड के मनोज सरकार ने टोक्यो ओलंपिक 2022 में पुरुष वर्ग के एकल वर्ग में कांस्य पदक जीता था. यह उत्तराखंड बनने के बाद पैरा ओलंपिक का पहला पदक था. मनोज सरकार, अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित खिलाड़ी हैं.
इस बार पेरिस ओलम्पिक में उत्तराखंड मूल के चार खिलाड़ियों ने भाग लिया. चार खिलाड़ियों में एक नाम ऐसा था जिसने देश भर में धूम मचा दी. यह नाम है अल्मोड़े के लक्ष्य सेन का. लक्ष्य सेन का यह ओलम्पिक डेब्यू था. उन्होंने बैडमिंटन सिंगल्स का सेमीफाइनल खेला. प्रतियोगिता में लक्ष्य चौथे स्थान पर रहे.
(Paris Olympic Player Uttarakhand)
पेरिस ओलम्पिक में उत्तराखंड मूल से चर्चित दूसरा नाम युवा अंकिता ध्यानी का है. अंकिता ओलम्पिक में जाने वाली उत्तराखंड की पहली महिला एथलीट हैं. अंकिता ध्यानी ने पेरिस ओलंपिक के लिए 5000 मीटर की दौड़ में भाग लिया. अंकिता ध्यानी पेरिस ओलंपिक में 5000 मीटर फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफल रही.
मूल रूप से टिहरी के रहने वाले सूरज पंवार ने मैराथन रेस वॉक मिक्स्ड रिले में भाग लिया. सूरज पंवार अपनी साथी प्रियंका गोस्वामी के साथ मैराथन रेस वॉक मिक्स्ड रिले में दौड़े.यह जोड़ी 24वें स्थान पर रही और फाइनल में नहीं पहुंच सकी.
चमोली जिले के खल्ला गांव के रहने वाले परमजीत सिह बिष्ट ने ओलम्पिक में होने वाली 20 किमी वाक रेस में भाग लिया. वह वर्तमान में नौसेना में नौकरी कर रहे हैं. परमजीत परमजीत ने 1:23:48 सेकंड में फिनिश लाइन पार की. अपने ओलंपिक डेब्यू पर वह 37वें स्थान पर रहे.
कुल मिलाकर उत्तराखंड को अपने पहले ओलम्पिक पदक के लिये अभी और इंतजार करना होगा.
(Paris Olympic Player Uttarakhand)
–काफल ट्री डेस्क
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