डीडीहाट जिले के गठन की मांग को लेकर स्थानीय जनता ने चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर दिया है. पहले दिन ग्राम भनड़ा के ग्रामीण धरने पर बैठे. स्थानीय निवासियों ने आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया है. रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में गांव के कुण्डल कन्याल ने कहा कि जिले के निर्माण के लिए अब गांव की जनता जागृत चुकी है. राजनेताओं के झांसे में आने के बजाय जिले के गठन तक सभी लोग मिलजुलकर आंदोलन करेंगे. जिला बनाओ वर्किंग कमेटी के दुष्यंत पांगती ने आंदोलनकारियों को माल्यार्पण कर धरने में बैठाया.
गौरतलब है कि रानीखेत को भी पृथक जिला बनाने की मांग अब सुलगती दिख रही है. राज्य गठन के एक दशक बाद भी पर्वतीय जिले शासन की उपेक्षा का शिकार बने हुए हैं. सभी तरह के विकास का सिलसिला मैदानी जिलों तक सिमटकर रह गया है. यही कारण है कि पहाड़ी जिलों के नागरिक अपनी समस्याओं के हल के तौर पर अलग जिले के गठन मैं समाधान देख रहे हैं. इस वजह से अलग जिले की मांग बलवती होती दिखाई दे रही है. आसन्न लोकसभा चुनावों के मद्देनजर कई पहाड़ी कस्बों के नागरिक इस मांग को उठा रहे हैं या उठाने का मन बना रहे है. सत्ताधारी भाजपा के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में नए जिलों की मांग एक बड़ी समस्या बन सकती है. देखना यह है कि सरकार इस चुनौती से कैसे निपटती है.
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