देशभर में चुनाव का माहौल है. नेता आदत के अनुसार कुछ भी बोल रहे हैं. उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव पहले चरण में होने हैं इसलिए यहां चुनावी गर्मी तेज हो गयी है.
जाहिर है चुनावी गर्मी में नेता किसे क्या कह रहे हैं शायद उन्हें खुद भी न मालूम हो. हालिया वाकया नैनीताल लोकसभा सीट का है. यहां भाजपा की ओर से अजय भट्ट और कांग्रेस की ओर से हरीश रावत मुख्य प्रत्याशी माने जा रहे हैं.
इस सीट पर वर्तमान सांसद भगत सिंह कोश्यारी हैं. कोश्यारी को कुछ दिन पहले हरीश रावत ने ‘उज्याड़ खाणी बल्द’ कहा था. ‘उज्याड़ खाणी बल्द’ पाहड़ों में प्रयोग होने वाला एक सामान्य मुहावरा है जिसका अर्थ है एक ऐसे बैल से जो खड़ी फसल को समूल नष्ट कर देता है.
इसके जवाब में कोश्यारी ने हरीश रावत को ‘यकलू बानर’ कहा. ‘यकलू बानर’ भी पहाड़ों में सामान्य बोलचाल का शब्द है. ‘यकलू बानर’ का अर्थ है एक ऐसा बन्दर जो अकेले रहता है. यह बंदर झुण्ड में रहने वाले बंदरों के मुकाबले ज्यादा खतरनाक होता है.
अब हरीश रावत कहां पीछे रहने वाले उन्होंने कोश्यारी को जवाब देते हुए उन्हें भाजपा का भीगा घुघता कहा. अब यह उन्होंने किस सन्दर्भ में कहा है उस पर निर्भर करता है कि भीगा घुघता का अर्थ क्या होगा?
अमर उजाला अखबार ने पूरे घटना क्रम पर लिखे समाचार में लिखा है कि दोनों नेता पहाड़ की लोक संस्कृति में रचे बसे हैं. एक दूसरे पर सार्वजनिक मंच पर ऐसी टिप्पणी करने में लोक संस्कृति खोज निकालने वाले अखबार धन्य हैं.
यहां जरुरी मुद्दा यह है कि क्या चुनाव कुछ भी कहकर जीते जा सकते हैं एक दूसरे को नीचा दिखाकर ही जीते जा सकते हैं? क्या नैनीताल लोकसभा सीट में कोई मुद्दा ही नहीं बचा जो दोनों नेता व्यक्तिगत टिप्पणी कर रहे हैं.
इस सब के अतिरिक्त नैनीताल लोकसभा सीट में भाजपा और कांग्रेस दोनों के प्रत्याशियों के संबंध में एक दिलचस्प बात यह है कि दोनों में कोई भी इस लोकसभा सीट का मतदाता नहीं है.
मतदाता नहीं है लेकिन मतदाताओं का प्रतिनिधित्व जरुर करेगा. यह दुर्भाग्य ही है कि नैनीताल लोकसभा सीट पर दोनों मुख्य पार्टियों के पास एक आदमी ऐसा नहीं मिला जो अपने मतदाताओं का प्रतिनिधित्व कर सके.
-काफल ट्री डेस्क
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