Featured

उत्तराखंड की बेटी का जलवा, डीकेडी 2 फतह के बाद अब पापसुरा पर्वत फतह की तैयारी

आज देश भर की बेटियां हर क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं. उत्तराखंड के हल्द्वानी में कुसुमखेड़ा की 24 वर्षीय पर्वतारोही पूजा पलड़िया शर्मा ने भी पूरे देश भर में प्रदेश का नाम रोशन किया. समुद्र तल से 5670 मीटर की ऊंचाई पर स्थित उत्तरकाशी के द्रोपदी का डांडा 2 (डीकेडी 2) को पार कर, वह अब इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन (आईएमएफ) की ओर से कुल्लू के 6400 मीटर ऊंचे पापसुरा पर्वत का आरोहण करेंगी. अपने अगले आरोहण के लिए वह हिमाचल रवाना हो चुकी हैं.

पूजा ने बताया  कि उनका लक्ष्य भविष्य में माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा लहराने की है. पूजा पलड़िया शर्मा को पापसुरा पर्वत पर चढ़ाई पूरा करने के लिए इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन (आईएमएफ) की ओर से उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है.

पूजा ने पर्वतारोहण करने के लिए नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग (निम) में 10 दिनों का रेस्क्यू कोर्स किया है और उत्तरकाशी से एक-एक माह का बेसिक और एडवांस कोर्स किया .इस से पहले उन्होंने 2017 में 16 हजार फुट ऊंचे चमोली के रूपकुंड पर्वत पर भी फतह पाई थी.

पूजा ने पीएसएमएस इंटर कॉलेज गौलापार से 12वीं की पढ़ाई कर एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी से एमए योग से किया है. वह लोगों को योग भी सिखाती हैं. पूजा की मां गीता पलड़िया बसंतपुर गौलापार की ग्राम प्रधान और पिता जीवन चंद्र व्यवसायी हैं.

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से सबसे निकट पड़ने वाला ग्लेशियर डोकरणी बामक भी डीकेडी क्षेत्र में ही है. यही कारण है कि निम ने भी इस क्षेत्र को बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग के लिए चुना है. द्रोपदी का डांडा 2 (डीकेडी 2) को प्रकृति का स्वर्ग माना जाता है. मान्यता है कि यहीं से पांडव स्वर्ग के लिए गए थे. यहां पर्यटकों के लिए ट्रैकिंग, कैंपिंग से लेकर पर्वतारोहण तक के पर्याप्त अवसर मौजूद हैं.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र का विकास व रणनीतियाँ

उत्तराखंड की भौगोलिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय विशेषताएं इसे पारम्परिक व आधुनिक दोनों प्रकार की सेवाओं…

1 week ago

जब रुद्रचंद ने अकेले द्वन्द युद्ध जीतकर मुगलों को तराई से भगाया

अल्मोड़ा गजेटियर किताब के अनुसार, कुमाऊँ के एक नये राजा के शासनारंभ के समय सबसे…

2 weeks ago

कैसे बसी पाटलिपुत्र नगरी

हमारी वेबसाइट पर हम कथासरित्सागर की कहानियाँ साझा कर रहे हैं. इससे पहले आप "पुष्पदन्त…

2 weeks ago

पुष्पदंत बने वररुचि और सीखे वेद

आपने यह कहानी पढ़ी "पुष्पदन्त और माल्यवान को मिला श्राप". आज की कहानी में जानते…

2 weeks ago

चतुर कमला और उसके आलसी पति की कहानी

बहुत पुराने समय की बात है, एक पंजाबी गाँव में कमला नाम की एक स्त्री…

2 weeks ago

माँ! मैं बस लिख देना चाहती हूं- तुम्हारे नाम

आज दिसंबर की शुरुआत हो रही है और साल 2025 अपने आखिरी दिनों की तरफ…

2 weeks ago