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हम जैसा सोचते हैं, वैसे ही बन जाते हैं

हम जीवन में वही बनते हैं, जो अपने बारे में सोचते हैं. हमारी जीवन में वैसी ही घटनाएं घटती हैं, जैसी घटनाओं के बारे में हम सोचते हैं. हम जैसे बनते जाते हैं, वैसे ही लोग भी हमसे जुड़ते जाते हैं. यह हजारों-करोड़ों लोगों का अनूभूत सत्य है. यह इतने ज्यादा लोगों द्वारा जांचा-परखा जा चुका है कि अब एक वैज्ञानिक तथ्य जैसा ही माना जाने लगा है. अगर कोई अपने जीवन में अपनी स्थिति से असंतुष्ट है, तो इसके लिए खुद वही जिम्मेदार है, क्योंकि अनजाने में वह अपने बारे में वैसी सकारात्मक बातें नहीं सोच पा रहा, जैसा कि उसे जीवन चाहिए. दुखों के बारे में सोचकर हमें खुशियों भरा जीवन कैसे मिल सकता है.
(Mind Fit 31 Column)

यह बहुत जरूरी है कि हम अपने लिए जैसा जीवन चाहते हैं, हम वैसे ही जीवन के बारे में सोचें, कल्पना करें. वैसे ही जीवन के दृश्य देखें, उसे विजुअलाइज करें. ऐसा करने पर ही हमारी चाहत के दृश्य हमारे अवचेतन मन तक पहुंचते हैं और तब वह मन उन दृश्यों को कल्पना के धरातल से यथार्थ के धरातल पर उतारने का यत्न करना शुरू करता है. चूंकि हमारे अवचेतन का कनेक्शन सीधे असीमित शक्तियों वाले ब्रह्मांड से है, इसलिए अवचेतन मन जो भी चाहता है, उसे हमेशा पूरा कर लेता है.

दुनिया में बहुत से लोगों ने हमारे सोचने, देखने और अवचेतन मन की शक्तियों के इस समीकरण के चलते अपने जीवन में चमत्कार घटित होते देखे हैं. आज यहां पेश है दुनिया के कुछ सफलतम लोगों के शब्दों में यह तथ्य कि कैसे हमारा जीवन वही रूप लेता है, जैसा कि हम उसके बारे में सोचते हैं. सफलता-असफलता की हम जो बातें करते हैं, वह सारा खेल हमारे सोचने के ढंग से ही है.
(Mind Fit 31 Column)

1. अगर तुम उसे अपने दिमाग में देख लेते हो, तो उसे तुम हाथ में भी थाम सकोगे. – बॉब प्रॉक्टर, लेखक/स्पीकर

2. इंसान अपने विचारों का ही उत्पाद होता है. वह जो सोचता है, वही बनता है. – महात्मा गांधी

3. क्योंकि सब कुछ हमारे दिमाग का ही प्रतिबिंब है, सब कुछ हमारे दिमाग से बदला जा सकता है. – गौतम बुद्ध

4. हम अपने अवचेतन मन में जो भी बोते हैं और उसे अपनी भावनाओं से और बार-बार दुहराकर पोषित करते हैं, वह एक दिन वास्तविकता बन जाता है. – अर्ल नाइटेंगल

5. अपने विचारों को लेकर सावधान रहो. क्योंकि जैसे आपके विचार होंगे, वैसे ही आपके शब्द भी हो जाएंगे. जैसे आपके शब्द होंगे, वैसे ही आपके ऐक्शन हो जाएंगे. जैसे आपके ऐक्शन होंगे, वैसी ही आपकी आदतें बन जाएंगी. -लाओत्से, चीनी दार्शनिक
(Mind Fit 31 Column)

6. तुम जैसा महसूस कर रहे हो, उसे तब तक बदल नहीं सकते, जब तक कि तुम अपने सोचने के ढंग को नहीं बदलोगे. क्योंकि तुम्हारे विचार ही तुम्हारी भावनाओं को तय करते हैं. – टोनी इवान्स, अमेरिकी लेखक/स्पीकर

7. जिसकी तुम कल्पना कर सकते हो, उसे हकीकत में भी बदल सकते हो. – जूल्स वर्ने, फेंच उपन्यासकार

8. कोई किसी चीज के लिए तब तक तैयार नहीं है, जब तक कि वह यह भरोसा नहीं करता कि वह उसे हासिल कर सकता है. सिर्फ उम्मीद करने या चाहने से कुछ नहीं होता. – नेपोलियन हिल, अमेरिकी लेखक
(Mind Fit 31 Column)

9. तुम्हारी बाहरी दुनिया तुम्हारी आंतरिक दुनिया की प्रतिछाया होती है. – टी. हार्व एकर, लेखक/स्पीकर

10. एक पॉजिटिव विचार आपका पूरा दिन बदल सकता है. – रसल सिमंस, अमेरिकी लेखक/फिल्म प्रड्यूसर

-सुंदर चंद ठाकुर

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कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मुम्बई संस्करण के सम्पादक हैं. उनका एक उपन्यास और दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. मीडिया में जुड़ने से पहले सुन्दर भारतीय सेना में अफसर थे. सुन्दर ने कोई साल भर तक काफल ट्री के लिए अपने बचपन के एक्सक्लूसिव संस्मरण लिखे थे जिन्हें पाठकों की बहुत सराहना मिली थी.

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