हैडलाइन्स

गोल्ड मैडल जीतने वाली मानसी नेगी का दर्द

इसमें शायद ही दोराय हो कि पहाड़ का कठोर जीवन पहाड़ के बच्चों को शारीरिक तौर पर मैदानी बच्चों से बेहतर बनाता है. प्रकृति की गोद में पले-बड़े बच्चों को जब मौका मिलता है वह साबित करते हैं कि केवल नाम मात्र की सुविधा मिलने पर ही वह बड़े से बड़े काम कर सकते हैं. हाल के दिनों में चमोली के मजीठा गांव की मानसी नेगी ने इसे साबित किया है.
(Mansi Negi Facebook Post)

अभी दो दिन पहले ही मानसी नेगी को बधाई देते संदेश सोशियल मीडिया में देखने को मिल रहे थे. राज्य के मुख्यमंत्री से लेकर बड़े-बड़े अधिकारियों मानसी को बधाई संदेश लिखे थे. मानसी नेगी ने तमिलनाडु में आयोजित 82वें ऑल इंडिया अंतर विश्वविद्यालय एथलेटिक मीट-2023 की रेस वॉक (20 किमी) प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था.
(Mansi Negi Facebook Post)

मानसी ने अपनी फेसबुक वाल पर एक पोस्ट शेयर की इस पोस्ट में मानसी ने सभी को धन्यवाद दिया इस धन्यवाद पोस्ट में मानसी ने आगे ‘लेकिन’ जोड़कर अपनी बात कही है. एक ऐसा ‘लेकिन’ जो शायद इस राज्य के हर युवा के भविष्य से जुड़ गया है. मानसी ने अपनी पोस्ट में लिखा –

शुभकामना संदेश के लिए सभी का हृदय से धन्यवाद लेकिन मुझे उत्तराखंड में नौकरी चाहिये. मैंने अपने आपको हमेशा साबित किया है लेकिन एक खिलाड़ी के लिए न कोई स्पोर्टस कोट है न कोई नौकरी का अवसर…

मानसी नेगी का यह पोस्ट उत्तराखंड के युवाओं की वर्तमान स्थिति का पोस्ट हैं. मानसी नेगी जैसे अनेक प्रतिभाशाली युवा इस राज्य में हैं जिनके जीवन में आने वाला यही ‘लेकिन’ का यह शब्द जीवन की राह बदल देता है.

मानसी नेगी का यह फेसबुक पोस्ट बताता है कि केवल बधाई संदेश काफ़ी नहीं है. सोशियल मीडिया में तस्वीरों से पहाड़ के युवा का भविष्य नहीं बदलने वाला.
(Mansi Negi Facebook Post)

काफल ट्री फाउंडेशन

Support Kafal Tree

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार

लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया.…

6 days ago

भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू

इगास पर्व पर उपरोक्त गढ़वाली लोकगीत गाते हुए, भैलों खेलते, गोल-घेरे में घूमते हुए स्त्री और …

6 days ago

ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए

तस्वीरें बोलती हैं... तस्वीरें कुछ छिपाती नहीं, वे जैसी होती हैं वैसी ही दिखती हैं.…

1 week ago

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

2 weeks ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

2 weeks ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

3 weeks ago