इन दिनों कॉर्बेट पार्क में ली गयी एक तस्वीर देश भर में चर्चित है. तस्वीर में एक बाघिन कॉर्बेट पार्क में रामगंगा नदी के किनारे-किनारे ग्रासलैंड के एक छोर से दूसरे छोर की तरफ जा रही है. अपने रास्ते में उसे पानी की एक धारा दिखाई पड़ती है. घास के झुरमुट से अपनी इस रुकावट को भांपकर बाघिन छलांग लगाकर उसे पार करती है. इस क्रम में वह एक फोटोग्राफर के कैमरे की पकड़ में आ जाती है. बिजली की गति से घट रहे इस लम्हे को कैद कर लेने वाले इस फोटोग्राफर का नाम है दीप रजवार. (Wildlife Photographer Deep Rajwar)
दीप रजवार म्यूजीशियन ज्यादा बेहतर हैं या फोटोग्राफर यह कहना मुश्किल है लेकिन वे अपनी दिलचस्पी के दोनों ही विषयों में बेजोड़ हैं यह कहना आसान है. एक संगीतकार के रूप में दीप रजवार के सफर को हम अपनी पिछली पोस्ट में रख चुके हैं. उसका लिंक यह रहा— खुद में ही पूरा बैंड हैं उत्तराखण्ड के दीप रजवार
रामनगर में रहने वाले दीप को संगीत के साथ-साथ प्रकृति प्रेम बचपन से रहा. लेकिन संगीत की गहराइयों में उतर चुके दीप रजवार को फोटोग्राफी का चस्का बहुत सालों बाद तब लगा जब उन्होंने अपने एक दोस्त के पास कैमरा देखा.
साल 2011 में उन्होंने वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी के अपने इस नए शौक को परवान चढ़ाने के लिए एक प्वाइंट एंड शूट कैमरा लिया. इसी के साथ शुरू हुआ कॉर्बेट क्षेत्र के परिंदों को कैमरे में कैद करने का सिलसिला. सोशल मीडिया में दीप की इन शुरूआती तस्वीरों को दोस्तों, शुभचिंतकों की खूब वाहवाही मिली.
कुछ लोगों ने नैशनल पार्कों में घूमने और महंगे कैमरों का भय दिखाकर हतोत्साहित भी किया. उन्होंने फिर भी अपना हौसला बनाये रखा.
दीप घंटों पैदल घूमकर तस्वीरें लेते और फिर सोशल मीडिया में पोस्ट कर मिलने वाली प्रतिक्रियाओं से प्रेरित होते.
2012 में पवलगढ़ कंजरवेशन ने प्रवासी पक्षी आइबिसबिल विषय पर एक फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन किया. दीप इस प्रतियोगिता में अव्वल रहे. फिर क्या था इस कामयाबी ने हौसले को और परवान चढ़ाया. अब दीप वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर के तौर पर इस क्षेत्र के महारथियों के बीच भी पहचाने जाने लगे.
इसके बाद दीप का एक फोटोग्राफर के तौर पर स्वर्णिम सफर जारी रहा. तभी से दीप एक चर्चित वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर के तौर पर अपनी पहचान बनाये हुए हैं.
2015 में दीप एक दफा फिर नैनीताल विंटर कार्निवाल की एक श्रेणी में प्रथम आये, यहां देश-विदेश के दिग्गज छायाकारों ने दीप को जज किया.
नेशनल ज्योग्राफिक, सेंचुरी एशिया, बियॉन्ड विजन, सीवस वाइल्डलाइफ इंडिया, निकॉन इण्डिया जैसे लोकप्रिय सोशल मीडिया फोटोग्राफी के मंचों में दीप रजवार की तस्वीरें अक्सर प्रकाशित हुआ करती हैं. इसके अलावा ट्रैवल मैगजीन और हिंदी दैनिकों में भी दीप रजवार के तस्वीरें छपती रहती हैं.
हाल ही में कॉर्बेट प्रशासन द्वारा मनाये जा रहे वाइल्डलाइफ वीक में दीप ने अपनी 8 सालों की जंगल यात्रा की तस्वीरों की प्रदर्शनी भी लगायी, जिसे बहुत सराहना मिली.
आज दीप हिन्दुस्तान के वाइल्डलाइफ फोटोग्राफरों में अपनी अलग पहचान रखते हैं. हालिया तस्वीर ने उनकी इस पहचान को और ज्यादा पुख्ता किया है.
सीमित संसाधनों के साथ इस छोटे से फोटोग्राफी सफर में बहुत कुछ हासिल कर लेने वाले दीप इसे अपनी लगन और जुनून का नतीजा मानते हैं. दीप रजवार का मानना है कि किसी भी काम के लिए जुनून और समर्पण हो तो कामयाबी मिल ही जाती है.
(काफल ट्री के लिए दीप रजवार से सुधीर कुमार की बातचीत पर आधारित)
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