एशियन गेम्स में भारतीय तिरंगा उंचा उठाने वाली हीरोइनें

एशियन गेम्स ख़त्म हो चुके हैं और पदक जितने वाले खिलाड़ी फिर से अगले किसी अन्तर्राष्ट्रीय खेलों तक गुमनामी के अंधेरों में धकेले जा चुके हैं. क्रिकेट के गुलाम हो चुके हमारे देश में टीवी पर जो थोड़ी बहुत जगह अन्य खेलों ने बनायी है उसे अभी भी दर्शकों की आवश्यकता है.

एशियाई खेलों के इतिहास में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए भारत ने कुल 69 पदक जीते. जिसमें महिला खिलाड़ियों का योगदान महत्त्वपूर्ण रहा. भारत के लिए 69 में से 31 पदक महिला खिलाड़ियों ने जीते.

कुछ खिलाड़ियों को छोड़ दें तो अधिकाँश महिला खिलाड़ी आर्थिक और सामाजिक रूप से बेहद पिछड़े वर्ग से आती हैं. महिलाओं ने घर परिवार समाज, संस्थागत, कानूनी और शारीरिक बाधाओं को पारकर ये पदक जीते हैं. 31 महिलाएं जिनकी वजह से एशियाड 2018 में तिरंगा ऊँचा उठा वह हैं-

एकल प्रदर्शन

विनेश फोगाट ( कुश्ती )

स्वप्ना बर्मन (हैप्थाल्टन )

राही सरनोबत ( निशानेबाजी )

दुती चंद ( 200 मीटर दौड़ )

हिमा दास ( 400 मीटर दौड़ )

पीवी सिंधू  ( शटलिंग )

में ही साइना नेहवाल (शटलिंग )

पिंकी बलहारा ( कुराश )

मालाप्रभा यलप्पा जाधव (कुराश )

रोशिबना देवी ( वूशु )

सीमा पुनिया ( डिस्कस थ्रो )

चित्रा ( 1500 मीटर दौड़ )

दिव्या काकरान ( कुश्ती )

अंकिता रैना  ( महिला एकल टेनिस )

हीना सिद्धू ( निशानेबाजी )

दीपिका पल्लीकल ( स्क्वॉश )

जोशना चिनप्पा (  स्क्वॉश )

हर्षिता तोमर  ( सेलिंग के ओपन लेसर4,7 इवेंट)

वी. नीना (लंबी कूद)

सुधा सिंह (3000 मीटर स्टेपल चेज)

टीम प्रतिस्पर्धा

हिमा दास,एम आर पूवम्मा वी. वेल्लुआ कोरोध और सरिताबेन गायकवाड 4 गुणा 400 मीटर रिले

वर्षा गौतम और स्वेता श्रेवेगर (सेलिंग 49erFX इवेंट)

रानी रामपाल, सविता, राजानी एतिमार्पू, एक्का दीप ग्रेस, सुनिता लाखरा, गुरजीत कौर, नमिता टोपो, निक्की प्रधान, नवजोत कौर, मोनिका, लिलिमा मिंज, नेहा गोयल, उदिता, वंदना कटारिया, रीना खोखर, लालरेमस्यामी, नवनीत कौर और दीपिका ( हॉकी )

पायल चौधरी, कविता, प्रियंका, मनप्रीत कौर, ऋतु नेगी, सोनाली विष्णु शिंगात, सयाली संजय केरीपाल, रणदीप कौर खेरा, शालिनी पाठक, ऊषा रानी नरसिम्हा, मधु और साक्षी कुमारी ( कबड्डी )

टीम ज्योति सुरेखा, मधुमिता और मुस्कान (तीरंदाजी)

टीम दीपिका पल्लीकल और जोशना चिनप्पा, सुनयना कुरुविला (  स्कवॉश )

मिक्स प्रतिस्पर्धा

किरण नादर, हेमा देवड़ा, हिमानी खंडेलवाल ( ब्रिज )

हिमा दास, एमआर पूवम्मा (4 गुना 400  रिले )

मनिका बन्ना ( टेबल टेनिस )

अपूर्वी चंदेला (निशानेबाजी )

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Girish Lohani

Recent Posts

उत्तराखंड में भूकम्प का साया, म्यांमार ने दिखाया आईना

हाल ही में म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने 2,000 से ज्यादा…

12 hours ago

हरियाली के पर्याय चाय बागान

चंपावत उत्तराखंड का एक छोटा सा नगर जो पहले अल्मोड़ा जिले का हिस्सा था और…

2 days ago

हो हो होलक प्रिय की ढोलक : पावती कौन देगा

दिन गुजरा रातें बीतीं और दीर्घ समय अंतराल के बाद कागज काला कर मन को…

4 weeks ago

हिमालयन बॉक्सवुड: हिमालय का गुमनाम पेड़

हरे-घने हिमालयी जंगलों में, कई लोगों की नजरों से दूर, एक छोटी लेकिन वृक्ष  की…

4 weeks ago

भू कानून : उत्तराखण्ड की अस्मिता से खिलवाड़

उत्तराखण्ड में जमीनों के अंधाधुंध खरीद फरोख्त पर लगाम लगाने और यहॉ के मूल निवासियों…

1 month ago

कलबिष्ट : खसिया कुलदेवता

किताब की पैकिंग खुली तो आकर्षक सा मुखपन्ना था, नीले से पहाड़ पर सफेदी के…

1 month ago