पौड़ी गढ़वाल के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की मुहिम रंग लायी और विषय विशेषज्ञों ने पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए गढ़वाली पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है.
कल गढ़वाल कमिश्नरी के 50 वर्ष पूरे होने पर गोल्डन जुबली समारोह में इस पाठ्यक्रम पुस्तक का विमोचन किया जा रहा है. विमोचन राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा किया जा रहा है.
पौड़ी गढ़वाल में जिलाधिकारी का प्रभार संभालते ही धीराज सिंह गर्ब्याल ने यह कार्ययोजना प्रारंभ की थी. इसके लिए इसी वर्ष जनवरी में जिलाधिकारी ने शिक्षा-विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये थे जिसके बाद विषय विशेषज्ञों ने जनवरी में ही सामग्री जुटानी शुरू कर दी थी जिसका जिलाधिकारी समय-समय पर इसका आकलन करते रहे.
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि गढ़वाली पाठ्यक्रम की यह पुस्तक आने वाले समय में गढ़वाली बोली-भाषा को संरक्षित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी. पाठ्यक्रम के लिए तैयार पुस्तक में गढ़वाली भाषा में विद्यालय का नाम, जन्म तिथि, गांव, तहसील व ब्लॉक का नाम शामिल किया गया है. पुस्तकों का नाम नाम कक्षावार ‘धगुलि’, ‘हंसुलि’, ‘झुमकि’, ‘पैजबी’ आदि रखा गया है.
धीराज गर्ब्याल की इस पहल को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सराहा है. मुख्यमंत्री द्वारा गढ़वाली बोली में लिखे गये एक पत्र को जारी किया है जिसमें इस कार्य के लिए श्री गर्ब्याल के प्रयासों का विशेष उल्लेख किया है. उन्होंने राज्य के लोगों को इस उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दी.
कल गढ़वाल कमिश्नरी के 50 वर्ष पूरे होने पर गोल्डन जुबली समारोह में 11 किमी लम्बी मैराथन का भी आयोजन किया जा रहा है. इसके अलावा माउन्ट बाइक रैली, पलायन संबंधी गोष्ठी और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जा रहा है.
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