Featured

चुनाव टिकट की घोषणा के साथ फूफा बनने की रीत

भविष्य में यदि कभी पारिवारिक रिश्तों की परिभाषा की कोई किताब छपेगी तो उसमें फूफा की परिभाषा कुछ इस तरह हो सकती है-

परिवार के बाहर का वह मूल सदस्य जिसे हर बात पर बात पर घंटों मुंह फुलाने का लाईसेंस प्राप्त हो.

भाजपा ने पिछले दिन लोकसभा चुनाव के लिये अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है उम्मीद है शाम ढ़लने तक कांग्रेस भी ऐसी एक लिस्ट जारी कर देगी. चुनाव के दौरान फूफा बनने की रीत केवल लोकतंत्र की नहीं बल्कि राजतंत्र की भी विशेषता रही है. फूफा बनने की यह रीत केवल भारत में ही नहीं वल्कि विश्व के प्रत्येक देश, गांव, शहर, कस्बे में चलती आ रही है. फूफा बनने की इस रीत में लैंगिक असमानता जैसी बुराईयों से परे है इसी कारण यह इतने वर्षों से चली आ रही है.

चुनावी टिकट जारी होते ही हर गुट में एक फूफा जन्म लेता है. इसके कुछ चेले-चपाटे होते हैं ये चेले-चपाटे जो फूफाजी कहेंगे वही करूंगा की तर्ज पर काम करते हैं.  फूफा हमेशा अपने चेले चपाटों समेत इस्तीफा देने को तैयार रहता है. टिकट की घोषणा पूरी तरह सत्य पाई जाने तक फूफा समेत इनकी संख्या ग्यारह से तेरह रहती है.

परिवार में फूफा के चेले चपाटों वाली भूमिका में अक्सर जीजा नाम का प्राणी पाया जाता है. जीजा नाम का यह प्राणी फूफा के अंडर ट्रेनिंग में रहता है. अक्सर जीजा ही पदोन्नति के बाद फूफा होता है.

हर चुनावी पोस्टर में  चुनावी फूफा की, नीचे पर बाएं या दाएं कोने में अनिवार्य छोटी सी तस्वीर लगी होती है. चुनावी फूफा के लिये पूरे चुनाव के दौरान हर मंच पर प्लास्टिक की कुर्सी लगती है. फूफा हमेशा चुनावी सभा में फर्स्ट एंट्री लेता है. उसे गेंदे के फूलों की माला पहनाई जाती है. अपने भाषण में उम्मीदवार चुनावी फूफा का नाम अन्त में जरुर लेता है.

कोई भी पार्टी चुनावी फूफा को बिना साथ में रखे चुनाव नहीं जीत सकती. भारत में कई सारे ऐसे चुनाव हुये है जहां चुनावी फूफा पार्टी को ले डूबे हैं इसलिये सभी पार्टियां चुनावी फूफा का पूर्ण मान-मर्दन करती हैं जो कम से कम चुनाव तक पूरी निष्ठा से किया जाता है.

-गिरीश लोहनी

वाट्सएप में काफल ट्री की पोस्ट पाने के लिये यहाँ क्लिक करें. वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री के फेसबुक पेज को लाइक करें : Kafal Tree Online

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Girish Lohani

Recent Posts

भूत की चुटिया हाथ

लोगों के नौनिहाल स्कूल पढ़ने जाते और गब्दू गुएरों (ग्वालों) के साथ गुच्छी खेलने सामने…

14 hours ago

यूट्यूब में ट्रेंड हो रहा है कुमाऊनी गाना

यूट्यूब के ट्रेंडिंग चार्ट में एक गीत ट्रेंड हो रहा है सोनचड़ी. बागेश्वर की कमला…

16 hours ago

पहाड़ों में मत्स्य आखेट

गर्मियों का सीजन शुरू होते ही पहाड़ के गाड़-गधेरों में मछुआरें अक्सर दिखने शुरू हो…

2 days ago

छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : जिंदगानी के सफर में हम भी तेरे हमसफ़र हैं

पिछली कड़ी : छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : दिशाएं देखो रंग भरी, चमक भरी उमंग भरी हम…

2 days ago

स्वयं प्रकाश की कहानी: बलि

घनी हरियाली थी, जहां उसके बचपन का गाँव था. साल, शीशम, आम, कटहल और महुए…

3 days ago

सुदर्शन शाह बाड़ाहाट यानि उतरकाशी को बनाना चाहते थे राजधानी

-रामचन्द्र नौटियाल अंग्रेजों के रंवाईं परगने को अपने अधीन रखने की साजिश के चलते राजा…

3 days ago