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धारचूला में सात लोगों के जिंदा दफ़न होने के बीच आपदा प्रबंधन मंत्री का गैरजिम्मेदाराना बयान

मानसून उत्तराखण्ड के सीमान्त गाँवों के लिए हर साल बुरी ख़बरों का पैगाम लेकर आता है. इस बरसात की पहली दिल दहलाने वाली ख़बर आई है धारचूला से. (Disaster Management Minister’s irresponsible statement)

पिथौरागढ़ जिले की धारचूला तहसील के जुम्मा गांव में सोमवार तड़के कई मकान मलबे की चपेट में आ गए. इस दौरान कई घरों में लोग गहरी नींद में सो रहे थे.

एसएसबी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और राजस्व पुलिस ने अब तक तीन बच्चों समेत सात शवों को बरामद किया है. बताया जा रहा है अचानक प्रचंड वेग से आये मलबे में जामुनी तक में पांच और सिरौउडयार में दो घर पूरी तरह से धवस्त हो गए.

बताया जा रहा है कि हर रोज की तरह रविवार की रात भी जुम्मा के ग्रामीण अगली सुबह एक-दूसरे से फिर मिलने का वादा कर सो गए. देर रात एक विस्फोटक आवाज ने इन सभी को दहला दिया. चारों तरफ सिर्फ अँधेरा पसरा था और पानी के बहने की डरावनी आवाज. मोबाइल के सिग्नल गायब थे. कोई एक-दूसरे से किसी तरह का संपर्क नहीं कर पाया. लोगों के सामने डरे-सहमे रात गुजरने के अलावा कोई चारा था नहीं.

Disaster Management Minister's irresponsible statement Disaster Management Minister's irresponsible statement

सुबह सात लोगों के मलबे में दफ्न हो जाने का पता चला. मृतकों में जामुनी गांव के जोग सिंह की तीन बेटियां और भाई-भाभी हैं. तीनों बहनें अक्सर पड़ोस में रहने वाले अपने चाचा के घर सोने के लिए चली जाती थीं. लेकिन इस रात भूस्खलन में आये मलबे ने घर को अपनी चपेट में ले लिया और पाँचों नींद के आगोश में ही काल के मुंह में समा गए.

जुम्मा ही नहीं इस पूरे इलाके में ही आपदा के घाव देखे जा सकते हैं. ऐसा भी नहीं है कि तबाही का यह मंजर नया है. हर साल मानसून का मौसम इस पूरे इलाके को न भूलने वाले घाव दे जाता है. रस्मी राहत के सिवा सरकारों के पास इन सीमान्त गाँवों की जानमाल की हिफ़ाजत की न कोई पुख्ता योजना है न ऐसा इरादा ही.

सरकार के रवैय्ये को आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत के इस दौरान के बयान से समझा जा सकता है. रावत ने बयान दिया है कि ऐसा ऐप तैयार कर लिया गया है जिससे बारिश को आगे-पीछे और कम-ज्यादा किया जा सकता है. मतलब मंत्री बयान दे रहे हैं कि उनके हाथ ऐसा ऐप लगा है जिससे बारिश को नियंत्रित किया जा सकता है. वे यह भी दावा कर रहे हैं कि वे भारत सरकार को इस ऐप की प्रजेंटेशन दिखाकर अन्य राज्यों का भी भला करने वाले हैं. वैसे ऐसे बयान उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री-मंत्री ही दे सकते हैं. इस तरह का ज्ञान बघारकर पहले भी राज्य के कई दिग्गज अंतर्राष्ट्रीय ख्याति अर्जित कर चुके हैं.    

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Sudhir Kumar

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