कल यानी बुधवार को दिल्ली सरकार ने उत्तराखंड की कुमाऊनी, गढ़वाली और जौनसारी भाषाओं के प्रचार-प्रसार के लिए एक अकादमी की स्थापना की है. दिल्ली सरकार ने लोकप्रिय गायक व कलाकार हीरा सिंह राणा को इस अकादमी का वाइस-चेयरमैन नियुक्त किया है. सरकार द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है: “दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति व भाषा विभाग द्वारा बुधवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अगुवाई में अकादमी स्थापित की गयी है जिसका उद्देश्य कुमाऊनी, गढ़वाली और जौनसारी भाषाओं का प्रचार-प्रसार करना होगा. इस वक्तव्य में मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सांस्कृतिक रूप से संपन्न नगर है जहाँ देश के विविध हिस्सों से आकर लोग रहते और काम करते हैं. यही विविधता दिल्ली के कॉस्मोपॉलिटन संस्कृति का निर्माण करती है. Delhi Government Sets up Kumaoni Garhwali Academy
“दिल्ली में उत्तराखण्ड वासियों की बड़ी जनसंख्या रहती है और हम दिल्ली के लोगों को एक प्लेटफोर्म मुहैया करना चाहते हैं ताकि वे उत्तराखण्ड की कला और संस्कृति का आस्वादन कर सकें. मुझे खुशी है कि वाइस चेयरमैन हीरा सिंह राणा जैसे लोग आगे आये और हमें इस अकादमी को बनाने में सहयोग किया” सिसोदिया ने कहा. Delhi Government Sets up Kumaoni Garhwali Academy
मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति व भाषा विभाग का काम भी देखते हैं. विभाग ने तय किया है कि यह नई अकादमी कुमाऊनी, गढ़वाली और जौनसारी भाषाओं और संस्कृति के अच्छे कार्यों को प्रोत्साहन देने के लिए अनेक पुरस्कार भी शुरू करेगी. इस अकादमी के माध्यम से सरकार इन भाषाओं के कोर्स भी चलायेगी.
इस उत्साहजनक निर्णय से उत्तराखण्ड के निवासियों में बहुत प्रसन्नता है. उत्तराखण्ड सरकार के मुख्य सचिव रहे नृप सिंह नपलच्याल ने आज अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है:
“बधाई हो दिल्ली के समस्त उत्तराखंडियो को. पर इससे तो उत्तराखंड से पलायन को बढावा ही मिलेगा. पहले यहां से कामगार ही पलायन करते थे. अब दिल्ली सरकार के प्रोत्साहन से हमारे यहां के कवि,लेखक और साहित्यकार सब देश की राजधानी की ओर पलायन कर जायेंगे. जगाओ हमारे भाषा संस्थान को, जगाओ हमारे साहित्य अकादमी को. नहीं तो सरकार को शीघ्र ही एक साहित्यिक व बौद्धिक पलायन आयोग गठित करना पडेगा. इनके पलायन से तो उत्तराखंड जैसा हरा भरा राज्य भी एक साहित्यिक -बौद्धिक मरुस्थल में परिवर्तित हो जायेगा.”
रामनगर से शिक्षक नेता नवेंदु मठपाल ने लिखा है:
“अच्छी पहल. दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने गढ़वाली, कुमाऊनी और जौनसारी भाषा अकादमी गठित की. उत्तराखंड में लंबे समय से मांग के बाद भी आज तक नहीं बनी लोक भाषा अकादमी. उत्तराखंडी लोक गायक हीरासिंह राणा होंगे दिल्ली में अकादमी के उपाध्यक्ष. दिल्ली में रहते हैं करीब 30 लाख उत्तराखंडी प्रवासी. अब दिल्ली में भी मिल पाएगा, गढ़वाली कुमाउनी और जौनसारी भाषाओं को सम्मान और प्रोत्साहन.“
शौरसेनी से उपजी है कुमाऊनी भाषा
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