किसी भी समाज के निर्माण से लेकर उसके सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. शिक्षा औपचारिक तथा अनौपचारिक दोनों ही रूपों में प्राप्त की जाती है. अनौपचारिक शिक्षा के लिए दुनियावी अनुभव महत्वपूर्ण होते हैं. वहीं दूसरी ओर औपचारिक शिक्षा के लिए निश्चित समय पर, निश्चित शिक्षकों द्वारा दिए गए निश्चित पाठ्यक्रम की पूर्ति कर शिक्षा ग्रहण की जाती है. औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए वर्तमान समय में निजी, सरकारी, गैर सरकारी स्कूलों की बहुत अधिक संख्या है. (St. Joseph’s College Nainital)
ऐसे में किसी एक विद्यालय का अपनी पहचान बनाकर प्रसिद्धि प्राप्त करना अत्यंत कठिन कार्य है. नैनीताल के परिप्रेक्ष्य में देखे तो यह कठिन कार्य शेरवुड कॉलेज, सैंट जोसेफ कॉलेज, बिशप वेस्ट कोट गर्ल्स स्कूल जैसे कई स्कूलों ने यह संभव कर दिखाया है. जानते हैं इनमें से एक सेंट जोसेफ कॉलेज के बारे में दिलचस्प बातें.
सेंट जोसेफ कॉलेज का इतिहास इलाहाबाद सूबे के इतिहास से निकटता से जुड़ा हुआ है. मूल रूप से इसका नाम सेंट जोसेफ सेमिनरी था और इसका जन्मस्थान दार्जिलिंग था. 1888 में इस सेमिनरी को दार्जिलिंग से नैनीताल शिफ्ट किया गया और यह सेमिनरी नैनीताल में साल 1890 तक चली.
इसे भी पढ़ें : जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का इतिहास
साल 1888 में ही वर्तमान स्कूल के स्थान पर जमीन खरीदी गई थी और स्कूल का निर्माण कार्य शुरू किया गया. इसे साल 1888 के बाद आयरिश ब्रदर एसोसिएशन कलकत्ता को सौंप दिया गया. साल 1925 में इस स्थान पर सेंट जोसेफ कॉलेज का निर्माण पूरा हुआ जहाँ आज यह है. सेंट जोसेफ कॉलेज का दूसरा नाम सैम है और वर्तमान में यह आईसीएसई बोर्ड से संबद्ध है.
सैम को भारत के बेहतरीन स्कूलों में से एक माना जाता है. इसके कई कारण है जैसे शैक्षिक उत्कृष्टता : स्कूल छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करता है. इसके साथ-साथ स्कूल के शिक्षक भी योग्य एवं अनुभवी हैं. सैम में कई आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं जैसे : आधुनिक कक्षाएं, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, पाठ्येतर क्रियाकलाप आदि. इसके साथ ही तैराकी, घुड़सवारी तथा विभिन्न खेल खेलने की सुविधा, हॉस्टल मेस एवं आवास सुविधाओं के साथ ही छात्रों के स्वास्थ्य के लिए अस्पताल एवं डॉक्टर की सुविधा भी सैम में उपलब्ध है.
वर्तमान में सैम में 1000 से 1200 छात्र हैं. स्कूल का अकादमिक रिकॉर्ड मजबूत है साथ ही छात्रों का प्रदर्शन भी उत्कृष्ट रहा है. इसका उदाहरण सैम के कई प्रसिद्ध छात्र हैं जैसे : सेना के पूर्व प्रमुख और भारत के सर्वोच्च सैन्य अधिकारी जनरल बिक्रम सिंह, वायु सेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल पी.वी. नायक, नौसेना के पूर्व प्रमुख और भारत के सर्वोच्च नौसैन्य अधिकारी एडमिरल सुरेश मेहता, भारत के पूर्व वित्त मंत्री और कानून मंत्री अरुण जेटली, भारत के पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजनीतिज्ञ जयराम रमेश, प्रसिद्ध अभिनेता, निर्देशक और सामाजिक कार्यकर्ता राहुल बोस, प्रसिद्ध उद्योगपति और व्यवसायी संजय गुप्ता आदि.
आशा है कि भविष्य में भी सेंट जोसेफ कॉलेज महान राजनीतिज्ञ, उच्च शिक्षाविद, वैज्ञानिक, उच्च तकनीकी ज्ञान से आबद्ध टेक्नीशियन तथा विविध क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महान विद्वानों को तैयार करेगा. (St. Joseph’s College Nainital)
रामनगर की रहने वाली वेणु वृंदा जी. बी. पंत यूनिवर्सिटी ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, पंतनगर में कम्युनिटी साइंस की छात्रा हैं.
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…
शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…
कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…
शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…
तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…
चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…