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अगस्त्यमुनि में महिलाओं द्वारा अभिनीत ऐतिहासिक रामलीला

भारत के अलग-अलग भागों में मंचन की जाने वाली रामलीलाओं में एक मुख्य समानता महिलाओं की सीमित भागीदारी होती है.…

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हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने – 18

आजादी के बाद और कुछ हुआ हो या ना हो मैं कोई नहीं जानता था जिन्हें कोई नहीं जानता था…

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आपकी आँखों का अब कोई इलाज नहीं है : मंगलेश डबराल की कविता

पिता का चश्मा -मंगलेश डबराल बुढ़ापे के समय पिता के चश्मे एक-एक कर बेकार होते गए आँख के कई डॉक्टरों…

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साझा कलम: 8 मनीष पाण्डेय

[एक ज़रूरी पहल के तौर पर हम अपने पाठकों से काफल ट्री के लिए उनका गद्य लेखन भी आमंत्रित कर…

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श्रीमान ‘अ’ की विदा

श्रीमान 'अ' इन दिनों काफी मुश्किल में रहते हैं. उनकी कोई सुनता ही नहीं. सब उन्हें डांट देते हैं. श्रीमान…

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सांप के बांये कान के नीचे का माल उर्फ़ एक टिपिकल हल्द्वानवी फसक

सीसमहल में रहने वाले गट्टू भाई हद दर्जे के गपोड़ी हैं. और मुझे उनका साथ अच्छा लगता है. दारू पीते…

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खटारा मारुति में पूना से बागेश्वर 2

(पिछ्ला हिस्सा: खटारा मारुति में पूना से बागेश्वर - 1) चौबे जी के ससुराल वाले मूल रूप से बागेश्वर के…

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कुमाऊं में मंदिरों के शिखर

पिढ़ा शब्द हिंदी भाषी क्षेत्रों का एक चिर परिचित शब्द है. लकड़ी का बना पटला, जिसे प्रायः भोजन करते समय…

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अलीबाबा और चालीस चोर में एक चोर थे महबूब खां

1939 में महबूब खां को अरेबियन नाइट्स की मशहूर कहानी पर आधारित अलीबाबा फिल्म का निर्देशन सौंपा गया. वह अपनी…

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जब तक ऐक्‍सीडेण्‍ट न हो, हमें जागते रहना है

रेल यात्रा -शरद जोशी रेल विभाग के मंत्री कहते हैं कि भारतीय रेलें तेजी से प्रगति कर रही हैं. ठीक…

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