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भारतवासी होने का सौभाग्य तो आम से भी बनता है

आम के बाग़ -आलोक धन्वा आम के फले हुए पेड़ों के बाग़ में कब जाऊँगा? मुझे पता है कि अवध,…

6 years ago

मीटू इज स्वीटू

गुजरात के शहरों और कस्बों से हिंदी बोलने वाले बिहार, यूपी, एमपी के भइया लोग देसी गालियां और लात देकर…

6 years ago

ट्रेल पास अभियान भाग – 1

छानपुर और जोहार घाटी के मध्य लगभग 18000 फिट ऊॅंचे गिरिपथ को पार कर तिब्बत व्यापार हेतु सुगम मार्ग खोज…

6 years ago

रामलीला के बहाने नये – नये प्रयोग भाग : 2

पिछली कड़ी तो एक बार भवाली की टीम को ‘राम वनवास’ वाला प्रसंग मिला प्रस्तुति के लिये. राम-लक्ष्मण का वनवासी…

6 years ago

जोहार घाटी का सफ़र भाग – 5

पिछली क़िस्त का लिंक – जोहार घाटी का सफ़र -4 'मामा अब नहीं आएंगे हम ट्रैकिंग में... ! मिलम गांव से…

6 years ago

माफ़ करना हे पिता – 4

(पिछली क़िस्त: माफ़ करना हे पिता - 3) उन्हीं दिनों कभी मैंने पिता से पूछा कि क्या इंदिरा गांधी तुमको…

6 years ago

रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 4

(पिछली क़िस्त का लिंक - रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा - 3) वेदनी बुग्याल को पार करते हुए…

6 years ago

पैंतीस के बाद प्रेम वाया और पतित होने के नारायणी नुस्खे

एक बार तो लगता है कि झपटकर कर लें, लेकिन फिर दिमाग चोक लेने लगता है. यहां तक आते-आते दिल…

6 years ago

रामी बुढ़िया ( लोककथा )

एक गांव में रामी नाम की बुढिया रहती थी, उसकी बेटी का विवाह दूर एक गांव में हुआ था जहाँ…

6 years ago

पाताल भुवनेश्वर की यात्रा

उत्तराखण्ड की पावन भूमि आदिकाल से ही मानव सभ्यता का गढ रही है. मनीषीयों, विद्वानों, साधु-सन्तों, विचारकों और तपस्वियों की…

6 years ago