सिनेमा

कैमरे की ताकत

आज जब तकनीक तेजी से बदल रही है, सस्ती होकर सर्वसुलभ हो जनतांत्रिक हो रही है तब कैमरा आम लोगों…

6 years ago

सिनेमा में लॉन्ग शॉट का मतलब

[दिल्ली में रहनेवाले संजय जोशी की जड़ें पहाड़ों में बहुत गहरे धंसी हुई हैं. वे नामचीन्ह लेखक शेखर जोशी के…

6 years ago

हास्य की दुनिया का बेजोड़ बादशाह मिस्टर बीन

अपनी बचकानी शरारतों, शारीरिक अंगों के अजीब-ओ-गरीब हरक़त और अस्पष्ट संवादों के साथ कॉमेडी फिल्मों के माध्यम से हंसी पैदा…

6 years ago

मथुरा के जमुनापार ने बनाया अपना सिनेमा

[दिल्ली में रहनेवाले संजय जोशी की जड़ें पहाड़ों में बहुत गहरे धंसी हुई हैं. वे नामचीन्ह लेखक शेखर जोशी के…

6 years ago

चुनने की स्वतंत्रता या मजबूरी और अतीत के उलझे धागे

  आशीष ठाकुर आशीष मूलतः मध्यप्रदेश के निवासी हैं.फिलहाल पिछले 15 वर्षों से मुंबई में रहते हैं. पहले एडवरटाइजिंग, फिर…

6 years ago

गीतकार शैलेन्द्र को याद करने का दिन है आज

30 अगस्त 1923 को रावलपिंडी में जन्मे थे गीतकार शंकर शैलेन्द्र. उनका मूल गांव धुसपुर बिहार के आरा जिले में…

6 years ago

टोबा टेक सिंह : पागलों के बटवारे की कहानी

सआदत हसन मंटो की कहानियां लिखे जाते समय जितनी विवादित हुई उतनी ही चर्चित आज भी हैं. उनकी हर कहानी…

6 years ago

इस फिल्म के बाद माराडोना ने कहा था निर्देशक ने मुझे सिखाया कि किसे कितनी इज़्ज़त दी जानी चाहिये

सुर्ख़ियों में बने रहना दिएगो मारादोना की फ़ितरत का हिस्सा रहा है. चाहे 1986 के फ़ुटबॉल विश्वकप के क्वार्टर फ़ाइनल…

6 years ago

दुःख का रंग भी सुनहरा होता है –द स्ट्रेट स्टोरी

  आशीष ठाकुर आशीष मूलतः मध्यप्रदेश के निवासी हैं.फिलहाल पिछले 15 वर्षों से मुंबई में रहते हैं. पहले एडवरटाइजिंग, फिर…

6 years ago

कभी बूढ़ा न होने वाला एक नास्टैल्जिया – सिनेमा पारादीसो

  आशीष ठाकुर आशीष मूलतः मध्यप्रदेश के निवासी हैं.फिलहाल पिछले 15 वर्षों से मुंबई में रहते हैं. पहले एडवरटाइजिंग, फिर…

6 years ago