ईश्वर का भी मानवीकरण लोक परम्पराओं की सबसे ख़ास बात होती है. लोक परम्पराओं में ईश्वर होता तो परमशक्तिशाली है…
कुमाऊं का समाज एक कृषि प्रधान समाज रहा है. एक समय कृषि ही कुमाऊं के लोगों का प्रमुख व्यवसाय था.…
https://www.youtube.com/embed/GQ70duF1Mjo सादगी भरा जीवन जीने वाले पहाड़ी बाहर से जितने भोले दिखते हैं भीतर से उतने ही रंगीले भी हैं.…
अब तो जैसे संगज्यु और मित्ज्यु जैसे शब्द पहाड़ियों के बीच से गायब ही हो गये हैं. कुमाऊनियों के बीच…
एकबार एक आदमखोर बाघ जंगल में किसी पिंजरे में फंस गया. बाघ ने बड़ी कोशिश की पर पिंजरा टूटे न.…
आज भले ही हमारे खेत बंजर हो रहे हैं. हम गुणी-बानरों की बात कहकर खेती छोड़ रहे हों पर एक…
सुबह सबेरे ही आज लखनऊ से मित्र मोहन उपाध्याय ने दिल उदास करने वाली खबर दी कि दीवान नगरकोटी नहीं…
एक बार जंगल में तेंदुए, भेड़िए, बिल्ली, चूहे और सियार ने मिलकर एक बेहद तेज भागने वाले मोटे हिरन को…
पिछले कुछ सालों से उत्तराखण्ड के युवाओं द्वारा लोक संगीत को नए कलेवर में पेश करने का चलन देखने में…
https://www.youtube.com/embed/tcTwDbR_I2I आज सुबह पहाड़ में लम्बी उम्र के आशीर्वचन कहे जायेंगे और घरों में पकवानों की सुंगध बिखरेगी. पिछले दिनों…