समाज

आज बिरुड़ पंचमी है

ईश्वर का भी मानवीकरण लोक परम्पराओं की सबसे ख़ास बात होती है. लोक परम्पराओं में ईश्वर होता तो परमशक्तिशाली है…

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सातों-आठों के लिये आज भिगाते हैं बिरुड़े

कुमाऊं का समाज एक कृषि प्रधान समाज रहा है. एक समय कृषि ही कुमाऊं के लोगों का प्रमुख व्यवसाय था.…

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ऐसे होती है पारम्परिक कुमाऊनी शादी

https://www.youtube.com/embed/GQ70duF1Mjo सादगी भरा जीवन जीने वाले पहाड़ी बाहर से जितने भोले दिखते हैं भीतर से उतने ही रंगीले भी हैं.…

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संगज्यु और मित्ज्यु : कुमाऊं में दोस्ती की अनूठी परम्परा

अब तो जैसे संगज्यु और मित्ज्यु जैसे शब्द पहाड़ियों के बीच से गायब ही हो गये हैं. कुमाऊनियों के बीच…

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आदमखोर बाघ और यात्री : पहाड़ी लोककथा

एकबार एक आदमखोर बाघ जंगल में किसी पिंजरे में फंस गया. बाघ ने बड़ी कोशिश की पर पिंजरा टूटे न.…

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रोपाई से जुड़ी परम्पराओं पर एक महत्वपूर्ण लेख

आज भले ही हमारे खेत बंजर हो रहे हैं. हम गुणी-बानरों की बात कहकर खेती छोड़ रहे हों पर एक…

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सामाजिक सरोकारों से सरोकार रखने वाले डॉ. दीवान नगरकोटी नहीं रहे

सुबह सबेरे ही आज लखनऊ से मित्र मोहन उपाध्याय ने दिल उदास करने वाली खबर दी कि दीवान नगरकोटी नहीं…

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चालाक सियार: पहाड़ी लोककथा

एक बार जंगल में तेंदुए, भेड़िए, बिल्ली, चूहे और सियार ने मिलकर एक बेहद तेज भागने वाले मोटे हिरन को…

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सावन की शुरुआत में हरेले का गीत

पिछले कुछ सालों से उत्तराखण्ड के युवाओं द्वारा लोक संगीत को नए कलेवर में पेश करने का चलन देखने में…

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आज सुबह पहाड़ियों के घरों में पकवानों की सुंगध बिखरेगी

https://www.youtube.com/embed/tcTwDbR_I2I आज सुबह पहाड़ में लम्बी उम्र के आशीर्वचन कहे जायेंगे और घरों में पकवानों की सुंगध बिखरेगी. पिछले दिनों…

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