परम्परा

पहाड़ों में बसंत पंचमी से जुड़ी परम्परायें

बंसत पंचमी का दिन उत्तराखंड में सबसे पवित्र दिनों में एक माना जाता है. स्थानीय भाषा में इसे सिर पंचमी…

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स्वै- पहाड़ के गांवों की गाइनो और उससे जुड़ी रवायतें

पहाड़ चढ़ना जितना मुश्किल होता है, उस पर जिन्दगी बसर करना भी किसी चुनौती से कम नहीं होता. जीवन की…

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उत्तराखण्ड की बहुपति विवाह प्रथा

उत्तराखण्ड के पश्चिमी टिहरी और जौनसार बावर क्षेत्र में कभी बहुपति प्रथा खासे चलन में थी. इस प्रथा में सबसे…

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वरिष्ठता का पैमाना है पहाड़ी नामकरण का भात

नामकरण हमारे हिन्दू धर्म का पांचवां संस्कार होता है इस दिन माता-पिता नहाकर नए वस्त्र पहनते हैं और शिशु को…

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ढोलियों के बिना लोकदेवता की हर पूजा अधूरी मानी गयी है

रामगंगा नदी को पानी देने वाली अनेक गुमनाम नदियों के किनारे अनेक गांव हैं जिनके नाम सिवा खाता-खतूनी के कहीं…

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केदारनाथ मंदिर की दुर्लभ तस्वीरें

रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ मन्दिर भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में एक है. हिमालय की गोद में बसा केदारनाथ…

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सनगाड़ के ‘नौलिंग देवता’ से जुड़ी लोककथा

बहुत पुरानी बात है बागेश्वर के फरसाली गांव में एक नरभक्षी राक्षस उत्पन्न हो गया. राक्षस ने गांव उजाड़ दिया…

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इगास लोकपर्व को राजपत्र में स्थान मिलने के मायने

आज का दिन ऐतिहासिक बन गया है. इक्कीस साल के उत्तराखण्ड में, इसके किसी लोकपर्व को पहली बार राजपत्र में…

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कुमाऊं की रामलीला पर ‘गिर्दा’ का एक महत्वपूर्ण लेख

कुमाऊॅं (उत्तराखण्ड) में प्रचलित रामलीला सम्भवतः संसार का एक मात्र ऐसा गीत नाट्य है जो ग्यारह दिनों तक लगातार क्रमशः…

3 years ago

सल्ट के हिनौला का प्राचीन इतिहास

ईजा का अपने मैत (मायके) से प्रेम होता ही है और मेरा मकोट (ननिहाल) से दो रुपये मिलने का लालच…

3 years ago