जन

हुम्ला-जुम्ला के घोड़े: पहाड़ी व्यापारियों के सबसे पसंदीदा घोड़े

आज भी जौलजीबी मेले का नाम सुनते ही लोगों के ज़हन में काली पार, एक खुले मैदान में खड़े घोड़ों…

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प्रथम विश्वयुद्ध के अनुभवों पर उत्तराखण्ड के अज्ञात सैनिक का रचा लोकगीत

आज से 102 साल पहले, साल 1918 के 11वें महीने का 11वां दिन और समय सुबह के ठीक 11 बजे.…

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100 सालों में पहली दफ़ा नहीं लगेगा ऐतिहासिक जौलजीबी मेला

पिछली एक सदी में यह पहली बार होगा जब ऐतिहासिक जौलजीबी के मेले का आयोजन नहीं किया जायेगा. 1962 के…

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नकुलेश्वर मंदिर: सदियों पुरानी मूर्तियों वाला एक मंदिर

नकुलेश्वर मंदिर पिथौरागढ़ जिले में स्थित है. माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडव भाइयों में नकुल द्वारा…

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लेकघाटी दुर्गा मंदिर: पिथौरागढ़-थल मार्ग पर स्थित देवी के मंदिर का इतिहास

पहाड़ की सड़कों पर अभी गाड़ियों की कमी थी. रोडवेज और केमू की बसें ही लोगों की यात्रा का सहारा…

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पहाड़ में पेड़-पौंध और खेती-पाती का लोक नामकरण

पहाड़ में पेड़ पौंधों के प्रति आदर का भाव रहा है इसीलिए उन्हें वनदेवता-वनदेवी के रूप में धार्मिक आधार मिला.…

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चुकिले दाड़िम का चूक

दाड़िम का पेड़ पहाड़ के सभी घरों में सामान्य रुप से देखा जा सकता है. दाड़िम का पेड़ यहां के…

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रामेश्वर मंदिर: सरयू और रामगंगा का संगम स्थल जहां भगवान राम ने शस्त्र और शास्त्र की शिक्षा ली

सरयू और रामगंगा का संगम सोर घाटी और इससे लगे गावों के लिये सदियों से पवित्र रहा है. लोक में…

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कुछ यों होती थी हमारे बचपन की रामलीला

वो भी क्या दिन थे? कोई 12-13 बरस की उमर रही होगी. रामलीला हमारे गांव से 5 मील दूर भवाली…

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गुलाबी धूप में सना हुआ नींबू खाने का आनन्द एक पहाड़ी ही बता सकता है

सर्दियों में दुनिया भर में अलग अलग जगह के लोगों के अलग-अलग शगल हुये हैं. गुनगुनी धूप सेकना इनमें सबसे…

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