जन

अलग पहचान रखता है थारू समुदाय

उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मंडल के नैनीताल और ऊधम सिंह नगर जिले के तराई अंचल में रहने वाले एक समुदाय को…

6 years ago

विश्व के हर कोने में खेला जाता है उत्तराखंड का खेल: ‘गुट्टी’

लोक से जुड़ी किसी भी चीज की एक विशेषता होती है कि वह अन्तराष्ट्रीय स्तर पर किसी न किसी रूप…

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शमशेर सिंह बिष्ट का एक आत्मीय संस्मरण

शमशेर सिंह बिष्ट ठेठ पहाड़ी थे. उत्तराखंड के पहाड़ी ग्राम्य जीवन का एक खुरदुरा, ठोस और स्थिर व्यक्तित्व. जल, जंगल…

6 years ago

जागर: उत्तराखण्ड के ग्रामीण अंचलों में बहुप्रचलित पूजा पद्धति

जागर (Jagar) उत्तराखण्ड (Uttarakhand) के गढ़वाल और कुमाऊँ मंडलों में प्रचलित पूजा पद्धतियों (Worship System) में से एक है. पूजा…

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नरेन्द्र नेगी को पद्म सम्मान न मिलने का मतलब

उत्तराखंड के तीन व्यक्तित्वों - बछेंद्री पाल, प्रीतम भरतवाण और अनूप साह को इस वर्ष पद्म सम्मान से नवाजे जाने…

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कुमाऊँ के पशुचारकों का देवता चौमू

चौमू देवता का मूलस्थान चम्पावत जनपद में गुमदेश स्थित चमलदेव में है किन्तु चम्पावत के अतिरिक्त पिथौरागढ़ में वड्डा के…

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गंगू रमौला की कथा

सुप्रसिद्ध गढ़वाली कवि-इतिहासकार तारादत्त गैरोला ने अंग्रेज ई. शर्मन ओकले के साथ मिलकर कुमाऊँ और पश्चिमी नेपाल की लोककथाओं (Uttarakhand…

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छोटा कैलाश: भीमताल ब्लॉक का विख्यात शिव मंदिर

भीमताल में छोटा कैलाश नैनीताल जिले के भीमताल (Bhimtal) ब्लॉक में एक पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है शिव मंदिर…

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पचास लाख पेड़ लगाने वाले मसीहा का जाना

कल यानी बीते शुक्रवार को उत्तराखंड के ‘वृक्ष मानव’ (Tree Man) के नाम से विख्यात श्री विश्वेश्वर दत्त सकलानी (Vishweshwar…

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सौ साल पुराने कुमाऊँ की तस्वीरें

एक ज़रूरी किताब कुमाऊँ (Kumaon) के बारे में 1905 में छपी ई. शर्मन ओकले (E. Sherman Oakley) की किताब 'होली…

6 years ago