इतिहास

कूर्मांचल की साहित्यिक परम्परा

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें - Support Kafal Tree भारत की संस्कृति में हिमालय का महत्वपूर्ण…

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लैंसडाउन पर 1987 में प्रकाशित एक दिलचस्प लेख

उत्तर रेलवे के कोटद्वार स्टेशन से 42 कि०मी० पुरातन शहर दुगड्डा से 27 कि०मी० उत्तर में 136 पुरानी छावनी युक्त…

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अल्मोड़ा में गांधी की मोटर के नीचे दबकर मरनेवाले पद्मसिंह

साल 1929 में गांधीजी अपनी पर्वतीय यात्रा पर थे. दो दिन ताड़ीखेत में रहने के बाद अल्मोड़ा अगला पड़ाव था.…

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30 मई 1930 : उत्तराखण्ड के इतिहास का रक्तरंजित अध्याय

रंवाई के उत्तरकाशी जनपद के बड़कोट नगरपालिका के अन्तर्गत यमुना नदी के तट पर बसा हुआ एक स्थान है तिलाड़ी जो…

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नैनीताल की पहली यात्रा में एक स्थानीय के सिर पर पत्थर रख गये अंग्रेज

आज के समय नैनीताल किसी परिचय का मोहताज नहीं. पर एक समय ऐसा भी था जब लोग नैनीताल की स्थिति…

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खोज्यालि-खोज्यालि, मेरी तीलु बाखरी

https://www.youtube.com/embed/Vtrp3s-fXuo पशुपालक समाजों में पशु के गुण-विशेष से आत्मीयता बरती जाती रही है. नेगी जी ने गढ़वाल की प्राथमिक अर्थव्यवस्था…

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गुप्तकाल में कुमाऊं

कुषाण शासन के विघटन के उपरान्त उत्तर भारत में जिन राजाओं ने अपने छोटे-छोटे स्वतंत्र राज्य स्थापित किए उनमे से…

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चाय की खेती की असीम संभावनायें हैं उत्तराखंड में

उत्तराखंड में चाय की खेती का प्रथम संदर्भ विशप हेबर ने सन् 1824 में अपनी कुमाऊँ यात्रा में दिया है.…

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क्या 1940 में शुरू हुआ थल मेला

कुमाऊं का थल मेला न जाने कितने पहाड़ियों की स्मृतियों का हिस्सा होगा. रामगंगा नदी के किनारे लगने वाले इस…

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कुमाऊँ में वस्त्र उद्योग का इतिहास

ऐसा प्रतीत होता है कि कुटीर उद्योग के रूप में वस्त्र निर्माण समूचे हिमालयी क्षेत्र में विद्यमान था. प्रत्येक गाँव…

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