इतिहास

30 मई 1930 : उत्तराखण्ड के इतिहास का रक्तरंजित अध्याय

रंवाई के उत्तरकाशी जनपद के बड़कोट नगरपालिका के अन्तर्गत यमुना नदी के तट पर बसा हुआ एक स्थान है तिलाड़ी जो…

1 year ago

नैनीताल की पहली यात्रा में एक स्थानीय के सिर पर पत्थर रख गये अंग्रेज

आज के समय नैनीताल किसी परिचय का मोहताज नहीं. पर एक समय ऐसा भी था जब लोग नैनीताल की स्थिति…

2 years ago

खोज्यालि-खोज्यालि, मेरी तीलु बाखरी

https://www.youtube.com/embed/Vtrp3s-fXuo पशुपालक समाजों में पशु के गुण-विशेष से आत्मीयता बरती जाती रही है. नेगी जी ने गढ़वाल की प्राथमिक अर्थव्यवस्था…

2 years ago

गुप्तकाल में कुमाऊं

कुषाण शासन के विघटन के उपरान्त उत्तर भारत में जिन राजाओं ने अपने छोटे-छोटे स्वतंत्र राज्य स्थापित किए उनमे से…

2 years ago

चाय की खेती की असीम संभावनायें हैं उत्तराखंड में

उत्तराखंड में चाय की खेती का प्रथम संदर्भ विशप हेबर ने सन् 1824 में अपनी कुमाऊँ यात्रा में दिया है.…

2 years ago

क्या 1940 में शुरू हुआ थल मेला

कुमाऊं का थल मेला न जाने कितने पहाड़ियों की स्मृतियों का हिस्सा होगा. रामगंगा नदी के किनारे लगने वाले इस…

2 years ago

कुमाऊँ में वस्त्र उद्योग का इतिहास

ऐसा प्रतीत होता है कि कुटीर उद्योग के रूप में वस्त्र निर्माण समूचे हिमालयी क्षेत्र में विद्यमान था. प्रत्येक गाँव…

2 years ago

जार्ज VI के काल का सिक्का पहाड़ में कहलाया छेदु डबल

आज भले ही कुमाऊं में दिन के न जाने कितने गीत बनाये जाते हैं पर जन सरोकार से जुड़ा कोई…

2 years ago

उत्तराखण्ड में गोरखा शासन की क्रूर न्याय-प्रणाली और दण्ड-विधान

गोरखा शासनकाल उत्तराखण्ड में गोरख्याणी के नाम से जाना जाता है. सन् 1790 ई. में चैतरिया बहादुर शाह, सेनापति काजी…

2 years ago

क्या सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु देहरादून में हुई

कई सारे लोग आज भी यह मानते हैं कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु 1945 की विमान दुर्घटना में…

2 years ago