इतिहास

सुल्ताना डाकू का किला और खूनीबड़ गाँव की कहानीसुल्ताना डाकू का किला और खूनीबड़ गाँव की कहानी

सुल्ताना डाकू का किला और खूनीबड़ गाँव की कहानी

बीसवीं सदी के पूर्वाद्ध में नजीबाबाद-कोटद्वार क्षेत्र में सुल्ताना डाकू का खौफ था. कोटद्वार से लेकर बिजनौर यूपी और कुमाऊं…

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पीटर बैरन ने 12 दिसम्बर 1842 को प्रथम बार किया नैनीताल में नौकायनपीटर बैरन ने 12 दिसम्बर 1842 को प्रथम बार किया नैनीताल में नौकायन

पीटर बैरन ने 12 दिसम्बर 1842 को प्रथम बार किया नैनीताल में नौकायन

यूं तो कुमाऊँ में ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रवेश 8 मई 1815 को कुमाऊँ के कमिश्नर आफ रेवन्यू के रूप…

4 years ago
बागेश्वर के बागनाथ मंदिर पर एक महत्वपूर्ण लेखबागेश्वर के बागनाथ मंदिर पर एक महत्वपूर्ण लेख

बागेश्वर के बागनाथ मंदिर पर एक महत्वपूर्ण लेख

उत्तराखण्ड के प्रयाग तथा काशी के नाम से विख्यात सरयू नदी के संगम पर अवस्थित बाघनाथ मन्दिर पुरातात्विक दृष्टि से…

4 years ago
उत्तराखंड की पहली जल विद्युत परियोजना : ग्लोगी जल-विद्युत परियोजनाउत्तराखंड की पहली जल विद्युत परियोजना : ग्लोगी जल-विद्युत परियोजना

उत्तराखंड की पहली जल विद्युत परियोजना : ग्लोगी जल-विद्युत परियोजना

सन् 1900 ई0 में मसूरी की आबादी साढ़े चौदह हजार से भी अधिक हो गई थी जिसमें से चार हजार…

4 years ago
उत्तराखंड के जिस घर में चंद्रशेखर आजाद रहे आज वह उपेक्षित पड़ा हैउत्तराखंड के जिस घर में चंद्रशेखर आजाद रहे आज वह उपेक्षित पड़ा है

उत्तराखंड के जिस घर में चंद्रशेखर आजाद रहे आज वह उपेक्षित पड़ा है

गुलाम भारत में ये दौर था वर्ष 1930 के अगस्त माह के दूसरे सप्ताह का. जब चंद्रशेखर "आजाद", हजारीलाल, रामचंद्र,…

5 years ago
देहरादून के घंटाघर का रोचक इतिहासदेहरादून के घंटाघर का रोचक इतिहास

देहरादून के घंटाघर का रोचक इतिहास

ऐसी तस्वीर जिसको देखते ही हर देखने वाले की जुबान पर इस जिले का नाम आ जाये तो वह तस्वीर…

5 years ago
अल्मोड़ा आने के बाद यहीं के होकर रहे विख्यात वैज्ञानिक बोसी सेन और उनकी अमेरिकी पत्नी गर्ट्रूड एमर्सनअल्मोड़ा आने के बाद यहीं के होकर रहे विख्यात वैज्ञानिक बोसी सेन और उनकी अमेरिकी पत्नी गर्ट्रूड एमर्सन

अल्मोड़ा आने के बाद यहीं के होकर रहे विख्यात वैज्ञानिक बोसी सेन और उनकी अमेरिकी पत्नी गर्ट्रूड एमर्सन

भारत ने हरित क्रान्ति के अग्रदूतों में गिने जाने वाले बसीश्वर सेन साल 1920 में अल्मोड़ा आकर बस गए थे.…

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एक समय जागेश्वर में शव साधना किया करते थे अघोरपन्थीएक समय जागेश्वर में शव साधना किया करते थे अघोरपन्थी

एक समय जागेश्वर में शव साधना किया करते थे अघोरपन्थी

कुमाऊँ में रुहेला आक्रमणकारियों ने लगभग सभी मन्दिरों को लूटा और उनमें रखी हुई मूर्तियों को तोड़ा. जागेश्वर ही अपनी…

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अपने खून से महात्मा गांधी को ख़त लिखकर डांडी मार्च में शामिल होने वाले उत्तराखंडी खड्ग बहादुरअपने खून से महात्मा गांधी को ख़त लिखकर डांडी मार्च में शामिल होने वाले उत्तराखंडी खड्ग बहादुर

अपने खून से महात्मा गांधी को ख़त लिखकर डांडी मार्च में शामिल होने वाले उत्तराखंडी खड्ग बहादुर

डांडी-सत्याग्रह के दिन. देहरादून से गाँधी जी को एक खत मिला. पत्र मामूली स्याही से नहीं, भेजने वाले ने अपने…

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द्वितीय विश्व युद्ध में अल्मोड़ा के किशनराम के साहस का अजब किस्साद्वितीय विश्व युद्ध में अल्मोड़ा के किशनराम के साहस का अजब किस्सा

द्वितीय विश्व युद्ध में अल्मोड़ा के किशनराम के साहस का अजब किस्सा

रणनीति के अनुसार, हमारा बिग्रेड उत्तरी पहाड़ियों पर हमला करके, जहाँ इटली की सेना थी, पीछे से जाकर मौनेस्ट्री हिल…

5 years ago